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सचेतन- बुद्धचरितम् 22- अष्टादश सर्ग- बुद्ध विहार का निर्माण

एक दिन कोशल देश के प्रसिद्ध और धर्मप्रिय राजा सुदत्त को पता चला कि भगवान बुद्ध (सुगत) अपने अनुयायियों के साथ किसी स्थान पर निवास कर रहे हैं। यह जानकर वे अत्यंत श्रद्धा और विनम्रता के साथ बुद्ध के दर्शन करने पहुँचे। वहाँ पहुँचकर उन्होंने भूमि पर दण्ड की तरह गिरकर बुद्ध को प्रणाम किया। […]