0 Comments

सचेतन- 12: प्रज्ञा (Prajña) – आत्मबोध या गूढ़ बुद्धि

प्रज्ञा का अर्थ है – वह गहरी बुद्धि जो केवल सोचने या समझने तक सीमित नहीं है, बल्कि आत्मिक अनुभव से उत्पन्न होती है।यह वह स्थिति है जहाँ सत्य का प्रत्यक्ष बोध होता है — न केवल “जानना”, बल्कि “हो जाना”। 🧠 प्रज्ञा की विशेषताएँ: 📜 वेदांत में प्रज्ञा, उपनिषदों में कहा गया है:  “प्राज्ञः […]