उपनिषद् कहते हैं — “तपसा ब्रह्म विजिज्ञासस्व।”अर्थात्, ब्रह्म को जानने की इच्छा हो तो तप करो — साधना करो। तप (Tapas) का अर्थ केवल कठोर व्रत या शरीर को कष्ट देना नहीं है,बल्कि मन, वाणी और कर्म को एकाग्र कर सत्य की खोज में लगाना है। 🌿 तप के तीन रूप हैं: जब साधक इन […]
