🌿 “इस सृष्टि में लाखों योनियाँ हैं — पर केवल मनुष्य ही वह प्राणी है जिसमें सत्-चित्-आनन्द का विकास संभव है।” 🕉️ भावार्थ: 🐾 जीवों की 84 लाख योनियों में केवल मनुष्य योनि ही ऐसी है जो आत्मबोध, मोक्ष और ईश्वर-प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकती है। यह एक संदेश है: “मनुष्य जन्म कोई […]
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सचेतन- 01: “परीक्षा: डर नहीं, अवसर है विकास का!”
सचेतन- 01: “परीक्षा: डर नहीं, अवसर है विकास का!” नमस्कार! आप सुन रहे हैं “सचेतन”, एक विचार जहाँ हम बात करते हैं आपके मन, आत्मविश्वास और जीवन के छोटे-छोटे लेकिन ज़रूरी पहलुओं की। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे विषय की जो हम सबके जीवन में कभी ना कभी आता है — […]