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सचेतन:बुद्धचरितम्-5 “संवेगोत्पत्तिः

संवेगोत्पत्तिः (मोहभंग) (The Genesis of Disenchantment): बुद्ध के मन में वैराग्य की उत्पत्ति का वर्णन है, जब उन्होंने वृद्धावस्था, रोग और मृत्यु का सामना किया।”मोहभंग” का अर्थ है भ्रांति का दूर होना, अज्ञान का नाश होना या निराशा की भावना। यह तब होता है जब किसी की उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं या जब कोई […]