हनुमान जी अंतःपुर का विचरण करते करते सोचा की, निश्चय ही सीता गुणों की दृष्टि से रावण की सभी भार्याओं की अपेक्षा बहुत ही बढ़-चढ़कर हैं। फिर हनुमान जी और आगे बढ़े अन्तःपुर में सोये हुए रावण को देखा। वहाँ इधर-उधर दृष्टिपात करते हुए हनुमान जी ने एक दिव्य एवं श्रेष्ठ वेदी देखी, जिस पर […]