पंचतंत्र की कथा-07 : दमनक और संजीवक के बीच बातचीत:
पिंगलक एक शेर था, जंगल का शक्तिशाली राजा। वहीं संजीवक एक साधारण बैल था जिसे उसके मालिक ने उसकी बीमारी और कमजोरी के कारण त्याग
पंचतंत्र की कथा-06 : पिंगलक का दमनक पर विश्वास
नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आप सभी का पंचतंत्र की कहानियों की इस खास श्रृंखला में। आज हम फिर से चलेंगे जंगल की ओर, जहाँ सिंहराज
पंचतंत्र की कथा-05 : सियार और ढोल
दमनक ने जब देखा कि पिंगलक भयभीत होकर अपने राज्य को छोड़ने का विचार कर रहा है, तो उसने उसे समझाने के लिए एक प्रेरणादायक
पंचतंत्र की कथा-04 : व्यर्थ का काम करने से जान भी जा सकती है।
बुद्धिमान व्यक्ति को स्वामी की इच्छा के अनुकूल कार्य करके उसे प्रसन्न करना चाहिए बंदर और लकड़ी का खूंटा कहानी सुनाकर करटक बोला, “इसीलिए कहता
पंचतंत्र की कथा-03 : बंदर और लकड़ी का खूंटा
बिना सोचे-समझे, किसी और के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। एक घने जंगल में पिंगलक नाम का एक शेर और उसके के साथ दो
पंचतंत्र की कथा-02 : पंचतंत्र की कहानियों के पाँच ग्रंथ
विष्णु शर्मा ने राजपुत्रों को बुद्धिमान और ज्ञानवान बनाने के लिए पाँच ग्रंथ की रचना की थी। नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है पंचतंत्र की कहानियों