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सचेतन 251: शिवपुराण- वायवीय संहिता -आनंदपूर्ण शरीर- आनंदमय कोष या करण-शरीर है

आपको प्रसन्नता से निर्मित स्व को समझना होगा  हमलोग पंचकोष के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिसमें अन्नमय कोश – अन्न तथा भोजन से निर्मित हमारा शरीर और मस्तिष्क है। प्राणमय कोश – प्राणों से बना। यह हमारी  मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ और उत्तम अवस्था का परत है। मनोमय कोश – मन […]