पिछले विचार के सत्र में एक मांसलोलुप कौआ सीता जी को चोंच मारने लगा और सीता जी उस पक्षी पर बहुत कुपित होकर दृढ़तापूर्वक अपने लहँगे को कसने के लिये कटिसूत्र (नारे)को खींचने लगी तो उस समय उनक वस्त्र कुछ नीचे खिसक गया और उसी अवस्था में श्री राम ने उनको देख लिया।अब आगे- सीता […]