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सचेतन 2.57: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – काम (प्रेम) बड़ा टेढ़ा होता है

जिसके प्रति आप जैसे भी बँध जाते हैं वैसे ही उसके प्रति करुणा और स्नेह उत्पन्न हो जाता है।  मास दिवस महुँ कहा न माना। तौ मैं मारबि काढ़ि कृपाना। रावण ने सीता जी से कहा की यदि महीने भर में यह कहा न माने तो मैं इसे तलवार निकालकर मार डालूँगा। और  भवन गयउ […]