0 Comments

सचेतन 2.44: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – धर्मलोप की आशंका

महाकपि हनुमान् जी को धर्म के भय से शंकित होना  हनुमान जी ने अन्तःपुर और रावण की पानभूमि में सीता जी का पता लगाते लगाते वहाँ महाकाय राक्षसराज के भवन में गये जहां सम्पूर्ण मनोवाञ्छित भोगों से सम्पन्न मधुशाला थी और उसमें अलग-अलग मृगों, भैंसों और सूअरों के मांस रखे गये थे, जिन्हें हनुमान जी […]