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सचेतन- 08: सत्-चित्-आनन्द – मनुष्य जीवन की अनमोल यात्रा

नमस्कार साथियो,आप सुन रहे हैं सचेतन,जहाँ हम बात करते हैं आत्मिक जागरण की,और उस सत्य की जो हमारे भीतर ही छुपा है। आज का विषय है —“सत्-चित्-आनन्द” — यह कोई शब्द नहीं,बल्कि मनुष्य जीवन की तीन दिव्य सीढ़ियाँ हैंजो हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर,अस्थिरता से स्थिरता की ओर,और दुख से आनंद की ओर ले […]

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सचेतन 2.110 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – हनुमान जी का लंका में प्रवेश

हनुमान जी की लंका यात्रा का वृत्तांत सूर्यदेव के अस्ताचल में जाने के बाद हनुमान जी ने लंका में प्रवेश किया। लंका में प्रवेश करते ही काली कान्तिवाली एक स्त्री अट्टहास करती हुई उनके सामने खड़ी हो गई। उसके सिर के बाल प्रज्वलित अग्नि के समान दिखते थे। वह हनुमान जी को मार डालना चाहती […]

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सचेतन 2.108 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – पवनपुत्र हनुमान जी की अद्भुत यात्रा

हनुमान की अद्वितीय उड़ान नमस्ते और स्वागत है  सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज की कहानी में हम सुनेंगे पवनपुत्र हनुमान जी की अद्भुत यात्रा, जब उन्होंने लंका पूरी से समुद्र को लांघकर अपने मित्रों से मिलने का साहसिक कार्य किया। हनुमान जी, पंखधारी पर्वत के समान वेगशाली, बिना थके और बिना रुके […]