Tag: वसुधैव कुटुंबकम का एकमात्र कल्याण की आकांक्षा रखें क्षीर सागर और मैनाक पर्वत अपना सनातन धर्म समझकर हनुमान जी को विश्राम करने की पेशकश की
सचेतन 2.14: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – वसुधैव कुटुंबकम का एकमात्र कल्याण की आकांक्षा रखें
क्षीर सागर और मैनाक पर्वत अपना सनातन धर्म समझकर हनुमान जी को विश्राम करने की पेशकश की समुद्र की आज्ञा पाकर जल में छिपे उस विशालकाय पर्वत मैनाक ने दो ही घड़ी में हनुमान्जी को अपने शिखरों का दर्शन कराया। उस पर्वत के शिखर सुवर्ण मय थे और उन पर किन्नर और बड़े-बड़े नाग निवास […]