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सचेतन 2.6: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – संकल्प से कार्य सिद्धी होती है

काम की तैयारी में सबसे पहले आपने शारीरिक और मानसिक बल का विस्तार करना चाहिए  जामवंत के सुन्दर वचन हनुमान जी के हृदय को बहुत ही भाए और सुनकर वे बोले हे भाई !  तुम लोग दुःख सहकर , कन्द-मूल-फल खाकर तब तक मेरी राह देखना ।।  जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि […]