हनुमान जी ने सोने की चहारदीवारी से घिरी हुई लंका महापुरी का निरीक्षण स्वयं को जागरूक करने के लिए किया हम सुंदरकांड के द्वितीयः सर्ग के प्रारंभ में चर्चा किया था की पराक्रमी श्रीमान् वानरवीर हनुमान् जब सौ योजन समुद्र लाँघकर भी वहाँ लम्बी साँस नहीं खींच रहे थे और न ग्लानि का या आलस्य […]