दो बैल हीरा और मोती की कहानी वैसे तो हम मनुष्यों की स्थिति पशुता से भी बदतर होती जा रही है। हम सभी सिर्फ़ भौतिक सुख-सुविधाओं की ओर ध्यान देते हैं और आध्यात्मिकता और मानव चेतना की कल्पना करना भी भूल गये हैं। हम सभी ने अपनी अपनी आध्यात्मिक खजाने को संभाल नहीं पाये और […]
Month: September 2023
सचेतन 201: शिवपुराण- वायवीय संहिता ॰॰ जब जागो तभी सवेरा
ब्रह्म यानी ब्रह्मांड का परम सत्य या फिर इस जगत का सार योग और ध्यान को जीवन चर्या में लाने से आपके आत्मा ज्ञान का मार्ग प्रस्तत होता है और इसके लिए स्वयं का प्रयास शुरू करना होगा। योग और ध्यान के बल से आपको कोई भेदभाव, जाती-पात, ऊँचनीच, सत्कार-तिरस्कार, हानि-लाभ का असर नहीं होगा। […]
सचेतन 200: शिवपुराण- वायवीय संहिता ॰॰ योग और ध्यान जीवन को आंतरिक मुक्ति दिलाता है
आप अपने जीवन में बदलाव चाहते हैं तो प्राचीन उपनिषद ग्रंथों से ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। पाशुपत विज्ञान /पाशुपत ब्रह्म उपनिषद जिसको भगवान राम ने हनुमान को सुनाया था, और यह वर्तमान युग का उपनिषद कहा गया है जिसको बड़े बड़े दार्शनिक भी अपने दर्शन में उल्लेख करते हैं। यहाँ तक की सृष्टिकर्ता भगवान ब्रह्मा […]
सचेतन 199: शिवपुराण- वायवीय संहिता ॰॰ पशुपति आपके भीतर का परमात्मा है।
आत्मज्ञान स्वयं के प्रयासों से मिलता है। वायु संहिता के पूर्व और उत्तर भाग में पाशुपत विज्ञान, मोक्ष के लिए भगवान शिव के ज्ञान की प्रधानता, हवन, योग और शिव-ध्यान का महत्त्व समझाया गया है। भगवान शिव ही चराचर जगत् के एकमात्र देवता हैं। पाशुपत विज्ञान जो पाशुपत ब्रह्म उपनिषद है, जिसे पाशुपताब्रह्मोपनिषद भी कहा […]