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सचेतन:बुद्धचरितम्-1

“बुद्धचरितम्” का कथानक वास्तव में गौतम बुद्ध के जीवन और उपदेशों पर आधारित है, जिसे अश्वघोष ने कविता के रूप में गाया है। इस महाकाव्य की कथावस्तु बुद्ध के जीवन के विभिन्न प्रसंगों से प्रेरित है, जिनमें उनका जन्म, युवावस्था, वैराग्य, बोधिप्राप्ति, उपदेश काल, और महापरिनिर्वाण शामिल हैं। कथानक के स्रोत: महापरिनिर्वाण सूत्र का अर्थ […]

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सचेतन: ज्ञान योग-6: माया की भूमिका

माया एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘जो नहीं है’ या ‘भ्रम’। अद्वैत वेदांत के अनुसार, ब्रह्म ही सत्य है, जो कि एक अनंत, अव्यक्त, और निराकार सत्ता है। माया उस पर्दे की तरह है जो ब्रह्म और जीवात्मा के बीच में होती है, जिससे जीवात्मा खुद को ब्रह्म से अलग और भिन्न […]

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सचेतन: ज्ञान योग-5: जीवन की सच्ची समझ हासिल करने के लिए भ्रम को पार करना

भारतीय दर्शन में जीवन की सच्ची समझ को हासिल करने के लिए भ्रम को पार करने की अवधारणा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया में माया और अविद्या के भ्रम को समझना और उन्हें पार करना शामिल है। यह प्रक्रिया व्यक्ति को आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाती है, जिससे वह जीवन की गहराई और इसके असली […]

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सचेतन: ज्ञान योग-4: मायावाद – भ्रम का स्वरूप

“अपनी प्रकृति” और “मायावाद” दोनों शब्द भारतीय दर्शन में गहराई से उलझे हुए संकल्पनाएं हैं, जिन्हें समझने के लिए इनके मूल अर्थों पर विचार करना जरूरी है। अपनी प्रकृति “अपनी प्रकृति” का अर्थ है किसी व्यक्ति की वह बुनियादी या मूलभूत प्रकृति जो उसके व्यवहार और निर्णयों को निर्देशित करती है। यह प्रकृति संस्कृतियों, व्यक्तिगत […]

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सचेतन: ज्ञान योग-३: अपनी प्रकृति का मूल्यांकन करें

नमस्कार दोस्तों, कल हमने देखा कि स्वामी विवेकानंद ने ज्ञान योग के मार्ग को कैसे समझाया। आज हम बात करेंगे कि आप अपनी असली प्रकृति को कैसे पहचान सकते हैं। इन पहलुओं को समझने से आप अपनी असली प्रकृति के करीब पहुंच सकते हैं। आज हम बात करेंगे  मूल्य और विश्वास (Values and Beliefs): आध्यात्मिक […]

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सचेतन: ज्ञान योग-2: अपनी असली प्रकृति को समझना

नमस्कार दोस्तों, कल हमने बात किया था की स्वामी विवेकानंद जी ने ज्ञान योग का मार्ग विस्तार से समझाया और दुनिया को यह बताया कि कैसे हर व्यक्ति अपने ज्ञान और समझ के द्वारा अपने आप को और अपने आस-पास की दुनिया को बेहतर बना सकता है और इस माध्यम से ही आत्मा की शांति […]

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सचेतन: ज्ञान योग-1

ज्ञान योग, जिस पर स्वामी विवेकानंद ने विशेष जोर दिया, ज्ञान और बुद्धि के माध्यम से आत्मिक मुक्ति या मोक्ष प्राप्त करने का एक मार्ग है। स्वामीजी के अनुसार, ज्ञान योग उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो गहराई से ज्ञान और बुद्धि की खोज में रुचि रखते हैं। इस योग की प्रक्रिया में व्यक्ति […]

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विश्व ध्यान दिवस 2024: ध्यान की विधि और भगवद् गीता में इसके लाभ

विश्व ध्यान दिवस हर साल 21 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन आत्म-चिंतन, शांति और मानसिक स्थिरता के लिए ध्यान की प्राचीन प्रथाओं की महत्ता को समझाने और प्रचारित करने के लिए समर्पित है। ध्यान की विधि (Meditation Method): भगवद् गीता के अनुसार, ध्यान करने के लिए यह आवश्यक है कि मनुष्य अपने मन […]

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सचेतन 3.45:नाद योग: आत्मा की दिव्यता और परमपद की प्राप्ति

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम एक विशेष कथा के माध्यम से सूर्य, चन्द्र, और अग्नि का ध्यान और इसके माध्यम से आत्मा की दिव्यता और परमपद की प्राप्ति पर चर्चा करेंगे। यह कथा हमें आत्मा की गहराइयों में झांकने और दिव्यता की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाएगी। कथा: ऋषि […]

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सचेतन 3.42 : नाद योग: आत्मा की अंतिम मुक्ति की यात्रा

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम एक गहन और प्रेरणादायक कथा के माध्यम से आत्मा की अंतिम मुक्ति की यात्रा पर चर्चा करेंगे। यह कथा हमें सिखाती है कि कैसे आत्मा संसार के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की ओर अग्रसर होती है। कथा: राजकुमार अर्जुन और आत्मा की मुक्ति […]