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सचेतन 3.41 : नाद योग: आंतरिक आनंद का महत्व

आंतरिक आनंद का वास्तविक अर्थ नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे आंतरिक आनंद के गहरे महत्व पर। इसे समझने के लिए एक प्राचीन कथा के माध्यम से जानेंगे कि वास्तविक आनंद कहाँ छिपा है और इसे प्राप्त करने के लिए हमें किस दिशा में यात्रा करनी चाहिए। आइए, […]

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सचेतन 3.40 : नाद योग: आंतरिक शांति का महत्व

शांत झील की कहानी नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे आंतरिक शांति के महत्व पर। इस गहरे विषय को समझने के लिए हम एक प्रेरणादायक कथा सुनेंगे, जो हमें यह सिखाएगी कि आंतरिक शांति ही जीवन का असली सुख है। कथा: बुद्ध और युवा साधक यह कथा प्राचीन […]

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सचेतन 3.39 : नाद योग: मोक्ष के लिए आंतरिक शांति और आनंद

सचेतन 3.39 : नाद योग:  मोक्ष के लिए आंतरिक शांति और आनंद आत्मा की अंतिम मुक्ति की यात्रा: राजा जनक और ऋषि याज्ञवल्क्य की कथा नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा पॉडकास्ट “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे एक अत्यंत गहरे और आध्यात्मिक विषय पर—मोक्ष के लिए आंतरिक शांति और आनंद। यह विषय हमें […]

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सचेतन 3.37 : नाद योग: प्राणायाम और त्रिविध ब्रह्म

शरीर और मन की शुद्धि की विधि नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। और आज हम चर्चा करेंगे प्राणायाम की एक विशेष विधि के बारे में, जिसमें त्रिविध ब्रह्म—ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र का प्रतीकात्मक महत्व निहित है। यह प्राणायाम विधि हमारे शरीर और मन को शुद्ध करने का एक अद्वितीय साधन है। […]

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सचेतन 3.36 : नाद योग: हृदयकमल और ॐकार का ध्यान

आत्म-साक्षात्कार की ओर नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा पॉडकास्ट “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे ध्यान की एक अद्वितीय विधि के बारे में—हृदयकमल और ॐकार का ध्यान। यह ध्यान न केवल हमारे मन को शांत करता है, बल्कि हमें आत्म-साक्षात्कार की ओर भी ले जाता है। आइए, जानते हैं इसकी गहराई और महत्व […]

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सचेतन 3.34 : नाद योग: तुरीय अवस्था का आध्यात्मिक महत्व

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे “तुरीय अवस्था” के आध्यात्मिक महत्व पर। यह वह अवस्था है, जो जाग्रत, स्वप्न, और सुषुप्ति अवस्थाओं से परे है। तुरीय अवस्था शुद्ध चेतना की वह उच्चतम अवस्था है, जिसे आत्म-साक्षात्कार के लिए आवश्यक माना जाता है। आइए, इस अवस्था के आध्यात्मिक पहलुओं को […]

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सचेतन 3.33 : नाद योग: तुरीय अवस्था: शुद्ध चेतना की अंतिम अवस्था

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका हमारे इस खास सचेतन के विचार सत्र में। और आज हम चर्चा करेंगे एक अत्यंत गहन और आध्यात्मिक विषय पर, जिसे “तुरीय अवस्था” कहा जाता है। यह वह अवस्था है जहाँ आत्मा शुद्ध चेतना में प्रवेश करती है और परमात्मा के साथ एकत्व का अनुभव करती है। तो आइए, जानते […]

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सचेतन 3.32 : नाद योग: चार अवस्थाएँ: आत्मा के अनुभव का सफर

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका “सचेतन” कार्यक्रम में। और आज हम आत्मा के चार प्रमुख अनुभवों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें चार अवस्थाएँ कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है, जो हमें आत्मा के विभिन्न अनुभवों के माध्यम से जीवन के गहरे अर्थ को समझने में मदद करता है। चार अवस्थाएँ: आत्मा का सफर आत्मा […]

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सचेतन 3.29 : नाद योग: ॐ कार के आठ अङ्ग, चार पैर, तीन नेत्र, और पाँच दैवतों का महत्व

जो व्यक्ति ॐ कार (प्रणव) से अनभिज्ञ है, उसे ब्राह्मण नहीं कहा जा सकता… नमस्कार श्रोताओं, और स्वागत है इस हमारे विशेष नाद योग (योग विद्या) पर सचेतन के इस विचार के सत्र  में। और आज हम चर्चा करेंगे “ॐ कार” के बारे में, जिसे ब्रह्मांड का सार माना जाता है। यह पवित्र ध्वनि, जो […]

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सचेतन 3.28 : नाद योग: ॐ की शक्ति

सृष्टि की मूल ध्वनि नमस्कार श्रोताओं, और स्वागत है इस हमारे विशेष नाद योग (योग विद्या) पर सचेतन के इस विचार के सत्र  में।और आज हम बात करेंगे उस शक्तिशाली ध्वनि के बारे में, जो न केवल हमारी आध्यात्मिक यात्रा का आधार है, बल्कि पूरी सृष्टि का मूल भी है—ॐ की शक्ति। ॐ का महत्व […]