हनुमान् जी के द्वारा पुनः पुष्पक विमान का दर्शन रावण के भवन के मध्यभाग में खड़े हुए बुद्धिमान् पवनकुमार कपिवर हनुमान् जी ने मणि तथा रत्नों से जटित एवं तपे हुए सुवर्णमय गवाक्षों की रचना से युक्त उस विशाल विमान को पुनः देखा। उसकी रचना को सौन्दर्य आदि की दृष्टि से मापा नहीं जा सकता […]
Month: February 2024
सचेतन 2.36: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड -राक्षसराज रावण के महल में सीताजी की खोज रावण के भवन एवं पुष्पक विमान का वर्णन
रावण के भवन एवं पुष्पक विमान का वर्णन तत्पश्चात् बल-वैभव से सम्पन्न हनुमान् उन सब भवनों को लाँघकर पुनः राक्षसराज रावण के महल पर आ गये। वहाँ विचरते हुए उन वानरशिरोमणि कपिश्रेष्ठ ने रावण के निकट सोने वाली (उसके पलंग की रक्षा करने वाली) राक्षसियों को देखा, जिनकी आँखें बड़ी विकराल थीं। साथ ही, उन्होंने […]
सचेतन 2.34: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – सदा सनातन मार्ग पर स्थित रहने वाली माता सीता का चित्रण
सचेतन 2.31: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – हनुमान्जी का लंकापुरी एवं रावण के अन्तःपुर में प्रवेश का वर्णन
सचेतन 2.28: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – लंकापुरी का अवलोकन करके हनुमान् जी विस्मित हो गये
आज हम सुन्दरकाण्ड के तृतीयः सर्गः का आरंभ कर रहे हैं जिसमें लंकापुरी का अवलोकन करके हनुमान् जी का विस्मित होना, निशाचरी लंका का उन्हें रोकना और उनकी मार से विह्वल होकर प्रवेश की अनुमति देना का वर्णन सुनेंगे। ऊँचे शिखरवाले लंब (त्रिकूट) पर्वतपर जो महान् मेघों की घटा के समान जान पड़ता था, बुद्धिमान् […]