“धर्म युद्ध की गाथा: हनुमानजी का पराक्रम” नमस्कार श्रोताओं! स्वागत है आपका “धर्मयुद्ध के बारे में सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज की हमारी रोमांचक कथा है ‘इन्द्रजित और हनुमान जी का युद्ध’। इस कहानी में हम देखेंगे कि कैसे हनुमान जी ने इन्द्रजित के साथ हुए भीषण युद्ध का सामना किया और […]
Month: May 2024
सचेतन 2.94 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – रावणपुत्र अक्षकुमार का पराक्रम और वध
“धर्म युद्ध की गाथा: हनुमानजी का पराक्रम” नमस्कार श्रोताओं! स्वागत है आपका हमारे इस सचेतन के विचार के सत्र “धर्मयुद्ध की कहानियाँ” में। आज की हमारी कहानी है ‘रावणपुत्र अक्षकुमार का पराक्रम और वध’। यह कहानी महात्मा हनुमान जी और रावण के वीर पुत्र अक्षकुमार के अद्वितीय संघर्ष की है। आइए, सुनते हैं यह रोमांचक […]
सचेतन 2.93 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – रावण के पाँच सेनापतियों का वध
“धर्म युद्ध की गाथा: हनुमानजी का पराक्रम” नमस्कार श्रोताओं! स्वागत है आपका हमारे सचेतन के इस एपिसोड “धर्मयुद्ध की कहानियाँ” में। आज की हमारी कहानी है ‘रावण के पाँच सेनापतियों का वध’। इस कहानी में महात्मा हनुमान जी की वीरता और साहस की अद्भुत गाथा है। आइए, सुनते हैं यह रोमांचक कथा। जब महात्मा हनुमान […]
सचेतन 2.92 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – रावण के मन्त्री के सात पुत्रों का वध
“धर्म युद्ध की गाथा: हनुमानजी का पराक्रम” आज मानो की वातावरण ऐसा हो रहा हो की धीमी ताल पर बजता हुआ ढोल और शंख की ध्वनि जैसी हो रही है- नमस्कार, आप सभी का स्वागत है “धर्म युद्ध की गाथा” में, जहाँ हम आपको ले चलेंगे पौराणिक युद्धों और वीरता की रोमांचक कहानियों के सफर […]
सचेतन 2.91 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – हनुमान जी ने चैत्यप्रसाद का विध्वंस किया
नमस्ते और रामायण की रोमांचक गाथा में आपका स्वागत है। आज, हम हनुमान जी के एक और वीरतापूर्ण कारनामे के बारे में जानेंगे, जहाँ वे लंका के चैत्यप्रासाद को तहस-नहस करते हैं और उसके रक्षकों का वध करते हैं। हनुमान जी ने लंका में प्रवेश किया था और रावण के अशोक वाटिका को तहस नहस […]
मध्यम मार्ग का पालन
बुद्ध पूर्णिमा विशेष: शांति और साधारण जीवन के लिए भगवान बुद्ध के विचार ध्यानपूर्ण और शांत स्वर में आज हम सचेतन के विचार को सुनेंगे- स्वागत है आपका हमारे सचेतन के विसहर के सत्र, जहाँ हम बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के विचारों पर चर्चा करेंगे। आज हम जानेंगे कि कैसे भगवान बुद्ध […]
सचेतन 2.89 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – हनुमान जी ने घोषणा करते हुए कहा मैं वायु का पुत्र तथा शत्रु सेना का संहार करने वाला हूँ।
राक्षसियाँ, रावण से आगे कहती हैं, ‘प्रमदावन का कोई भी ऐसा भाग नहीं है, जिसको उसने नष्ट न कर डाला हो। केवल वह स्थान, जहाँ जानकी देवी रहती हैं, उसने नष्ट नहीं किया है। जानकीजी की रक्षा के लिये उसने उस स्थान को बचा दिया है या परिश्रम से थककर—यह निश्चित रूप से नहीं जान […]
सचेतन 2.88 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – लंका में हनुमान जी का पराक्रम
मनोहर पल्लवों और पत्तों से भरा हुआ वह विशाल अशोक वृक्ष, जिसके नीचे सीता का निवास है, उसे सुरक्षित छोड़ दिया है। आप सुन रहे हैं ‘रामायण की कथाएँ’। आज के सचेतन के विचार में हम सुनेंगे हनुमान जी के प्रमदावन में विध्वंस करने पर रावण की प्रतिक्रिया के बारे में। अशोक वाटिका जिसे प्रमदावन […]
प्रार्थना और परिश्रम का महत्व
जहाँ हम जीवन की गहराइयों में उतरकर, रोज़मर्रा की समस्याओं का समाधान ढूंढ़ते हैं। हम चर्चा कर रहे हैं प्रार्थना और परिश्रम के महत्व पर। प्रार्थना का भाव आपके जीवन में सतत, दिन रात बना रहना चाहिए। प्रार्थना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह आपकी आत्मा का संवाद है, आपके अंदर की गहराई से […]
सचेतन 2.85 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – हनुमान जी के द्वारा प्रमदावन (अशोकवाटिका) का विध्वंस
शास्त्रों में शत्रु के शक्ति को जानने के लिए चार उपाय बताये हैं—साम, दान, भेद और दण्ड। स्वागत है आपका हमारे इस विशेष सचेतन के सत्र में, जहां हम आपको सुनाएंगे हनुमान जी के प्रमदावन विध्वंस की अद्भुत कथा। आइए, इस रोमांचक यात्रा पर चलें। बार बार नाएसि पद सीसा। बोला बचन जोरि कर कीसा।। […]