नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका “सचेतन” के इस नए सत्र में, जहाँ हम पंचतंत्र की अद्भुत और शिक्षाप्रद कहानियों से सीखते हैं। आज की कहानी एक राजा, एक जूं, और एक खटमल की है। इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि अजनबियों पर बिना सोचे-समझे विश्वास करना कैसे नुकसानदायक हो सकता है। […]
Month: November 2024
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-24 : सिंह और खरगोश की कथा-3
एक दिन खरगोश की बारी आई। खरगोश चिंतित था लेकिन उसने अपनी चतुराई से सिंह को मारने की योजना बनाई। रास्ते में उसे एक कुआँ मिला, और उसकी परछाई देखकर उसने सोचा कि इसी कुएं का इस्तेमाल कर सिंह को गुस्सा दिलाकर फंसाया जा सकता है। सिंह के पास देर से पहुँचने पर उसने सिंह […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-23 : सिंह और खरगोश की कथा-2
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। सभी जानवरों के बातों को सुनने के बाद सिंह ने कहा, “तुम सब सही कह रहे हो। लेकिन ध्यान रहे, अगर रोज एक जानवर मेरे पास नहीं आया तो मैं सभी को […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-22 : सिंह और खरगोश की कथा-1
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। “तरकीब से जो काम हो सकता है, वह बहादुरी से नहीं हो सकता। कौआ और कौई ने अपनी चतुराई से सोने की सिकड़ी का उपयोग करके काले नाग को मरवा दिया।” इसलिए, […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-21 : कौओं के जोड़े और काले नाग की कथा-2
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। आज कल वाली कहानी जो कौओं के जोड़े और काले नाग की है, जो एक बरगद के पेड़ पर घटित होती है उसको आगे सुनते हैं।कहानी का सरल और समझने में आसान […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-20 : कौओं के जोड़े और काले नाग की कथा
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। आज की कहानी कौओं के जोड़े और काले नाग की है, जो एक बरगद के पेड़ पर घटित होती है। इसमें जीवन की समस्याओं और उनका समाधान ढूंढने की सूझबूझ के बारे […]
सचेतन, “मेरा नया बचपन”
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आप सबका हमारे आज के विचार के सत्र में। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कविता के बारे में, जिसने हमारे दिल को छू लिया और हमें अपने बचपन के उन अनमोल पलों की याद दिलाई। आज का हमारा विषय है — “मेरा नया बचपन।” यह कविता हमें उन मधुर पलों […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-17 : “बुनकर की वीरता और भगवान नारायण का हस्तक्षेप”
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम सुनते हैं अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ। आज की कहानी एक बुनकर की है, जिसने विष्णु का रूप धारण कर छल किया, लेकिन अंततः अपनी वीरता और बलिदान के लिए प्रसिद्ध हुआ। यह कहानी छल, साहस, और भगवान नारायण के हस्तक्षेप […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-16 : “राजकुमारी, बुनकर और झूठी माया की कहानी”
नमस्कार दोस्तों! स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में, जहां हम आपको सुनाते हैं अनोखी और दिलचस्प कहानियाँ। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कहानी की, जिसमें चालाकी, प्रेम, और छल की माया ने एक पूरे राज्य को भ्रमित कर दिया। यह कहानी है एक राजकुमारी, एक बुनकर और उसके विष्णु-रूप धारण करने […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-15 : “दोस्त की चाल और प्रेम की जीत”
बुनकर की मुश्किल और रथकार का समाधान: हमारी पिछली कहानी में आपने सुना कि कैसे बुनकर ने राजकुमारी को देखकर उसके प्रेम में अपना दिल खो दिया था और अब उसके बिना जीना मुश्किल हो गया था। उसकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उसने अपने दोस्त रथकार से मरने की बात तक कह दी। लेकिन […]