इस कहानी में खरगोश और गौरैया के मध्य संवाद और उनकी चिंताओं, आशाओं और धार्मिक विचारों को बहुत सुंदरता से प्रस्तुत किया गया है। यह कहानी प्राचीन भारतीय साहित्य और दर्शन के समृद्ध तत्वों को समेटे हुए है, जहां प्रकृति और जीवन के प्रति मानवीय विचारों और नैतिकता का गहन अध्ययन किया गया है। कहानी […]
Month: February 2025
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-65 : कपिंजल खरगोश
यह कहानी है एक खरगोश की, जो प्राचीन काल में एक वृक्ष के नीचे रहते थे। गौरैया नामक पक्षी भी उसी वृक्ष पर रहता था, और खरगोश, जिसका नाम कपिंजल था, उसी पेड़ के खोखले में रहता था। वे दोनों शाम के समय अपने-अपने दिन की बातें करते और आपस में अनेक आश्चर्यजनक बातें साझा […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-64 : बुद्धिमान खरगोश और गजराज
हाथियों का झुंड उस इलाके में अपना डेरा जमा चका था। खरगोशों को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई। वे सब मिलकर सोचने लगे कि हाथियों को कैसे वापस भगाया जाए, क्योंकि उनके आने से उनका जीवन कठिन हो गया था। खरगोशों ने तय किया कि वे एक प्रतिनिधि को चुनेंगे जो हाथियों के […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-63 : बुद्धिमान खरगोश और गजराज
एक जंगल में चतुर्दन्त नाम का एक बड़ा हाथी रहता था, जो गजराज था। एक बार, वहां काफी समय तक बारिश नहीं हुई और सारे तालाब और झीलें सूख गईं। इससे सभी हाथियों के बच्चे प्यास से बेहाल हो गए और कुछ तो मर भी गए। तब सभी हाथी गजराज के पास गए और बोले, […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-62 : बुद्धिमान को मित्र बनाओ
पूर्व की कथा के माध्यम से हमने बड़ी सुंदरता से मित्रता, विश्वास, संकटों का सामना, और जीवन की अनित्यता के विषयों को उजागर किया है। मंथरक, हिरण्यक, और लघुपतनक के माध्यम से जो मित्रता और सहयोग की भावना दिखाई गई है, वह हमें बताती है कि किस प्रकार सच्चे मित्र हमेशा एक-दूसरे के लिए वहाँ […]
सचेतन: शब-ए-बारात के बारे में जानकारी
शब-ए-बारात, जिसे ‘बरात की रात’ के रूप में भी जाना जाता है, इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 14वीं और 15वीं रात को मनाई जाती है। यह रात मुसलमानों के लिए बहुत पवित्र मानी जाती है। माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद इस शुभ रात को मक्का पहुंचे थे । एक अन्य प्रचलित कथा […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-61 : भगवान ने जो लिखा है, उसे कोई नहीं मिटा सकता।
जब हिरण्यक और लघुपतनक बातचीत कर रहे थे, मंथरक भी वहां आ पहुंचा। हिरण्यक ने चिंता जताई कि अगर शिकारी आता है, तो मंथरक की वजह से सबको खतरा हो सकता है। उन्होंने मंथरक को लौट जाने को कहा, लेकिन मंथरक ने बताया कि वह अपने मित्र के दुःख को सहन नहीं कर पा रहा […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-60 : ज्ञान की शक्ति हमेंशा आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करती है
आज दो उद्धरणों को सोचते हैं जिनमें गहरी आध्यात्मिक और दार्शनिक सोच निहित है, जो ज्ञान और विचार-विमर्श के महत्व को दर्शाती है। पहला, जो लोग ज्ञान और विद्या की गहराई में डूबे होते हैं, उन्हें ज्ञान के सुंदर विचारों और उच्चारणों में बड़ी गहरी खुशी और उत्तेजना महसूस होती है। ऐसे बुद्धिजीवी लोगों को […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-59 : जीवन में संकट के समय में उचित निर्णय लें
नमस्कार, दोस्तों! आप सभी का स्वागत है हमारे “सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कहानी की, जो हमें सिखाती है कि कैसे बुरे समय में तेजी से कदम उठाना चाहिए। तो, बिना किसी देरी के, चलिए शुरू करते हैं। इस कहानी के माध्यम से, मंथरक यह भी समझाता […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-58 : मान, आध्यात्मिकता, और जीवन की चुनौतियाँ
नमस्कार! आपका स्वागत है सचेतन के सत्र में, जहां हम जीवन और समाज के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहराई से विचार करते हैं। कल हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सार्थक विषय पर चर्चा किए थे: “धन की तीन गतियां – दान, उपभोग और नाश”। धन, जो कि हम सभी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता […]