क्या होता है, जब हम ध्यान, प्रेम, सेवा और स्व-जागरूकता से जुड़ते हैं सरल शब्दों में: हम सब में चेतना की एक ही रोशनी है — बस हमारे अनुभव, नाम और रूप अलग हैं। जैसे एक बूँद समुद्र से अलग नहीं होती, वैसे ही आत्मा परमात्मा से अलग नहीं है।“वैसे ही, चेतना तो ब्रह्मांड जितनी […]
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सचेतन- 10: शेष – अनुभव वह पुल है, जो चेतना को वास्तविकता से जोड़ता है,
बहुत ही गूढ़ और सुंदर विचार है: “अनुभव वह पुल है, जो चेतना को वास्तविकता से जोड़ता है।” इस पंक्ति को हम नीचे कुछ भावपूर्ण और सरल तरीकों से समझ सकते हैं: 🌉 भावार्थ: चेतना (Consciousness) — वह अनदेखी शक्ति है जो हमें सोचने, समझने, महसूस करने और जानने की क्षमता देती है।वास्तविकता (Reality) — […]
सचेतन- 07: शरीर, चक्र और पंचमहाभूत – योग की शक्ति को जानें
नमस्कारआप सुन रहे हैं सचेतन जहाँ हम “आत्मा की आवाज़” — पर विचार रखते हैं जो आपको प्रकृति, योग और आत्म-ज्ञान, आत्म-उन्नयन से जोड़ता है।आज का विषय है — पंचमहाभूत और उनके संबंधित चक्र और मुद्रा।क्या आप जानते हैं कि हमारा शरीर पाँच मूलभूत तत्वों से बना है?और हर तत्व हमारे शरीर के एक खास […]
सचेतन- 06: हमारा शरीर, हमारा मन, और पूरी यह सृष्टि का आधार है पंचभूत 🔱
पंचभूत क्रिया एक योगिक प्रक्रिया है जिसमें साधक या योगी इन पाँच तत्वों के साथ अपने भीतर संतुलन स्थापित करता है। यह क्रिया विशेष रूप से तप, साधना, ध्यान और आंतरिक जागरण के लिए की जाती है। हमारा शरीर, हमारा मन, और पूरी यह सृष्टि — पाँच तत्वों से बनी है:पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और […]
सचेतन- 05: पंचभूत क्रिया: प्रकृति से आत्मा तक की यात्रा
नमस्कारआप सुन रहे हैं सचेतन जहाँ हम “आत्मा की आवाज़” — पर विचार रखते हैं जो आपको प्रकृति, योग और आत्म-ज्ञान से जोड़ता है।पंचभूत क्रिया — अर्थात् पाँच तत्वों की साधना। पंचभूत क्या हैं? हमारा शरीर, हमारा मन, और पूरी यह सृष्टि — पाँच तत्वों से बनी है:पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। इन्हें ही […]