हमारा मन, शरीर और आत्मा — ये मिलकर चेतन प्रयोगशाला की तरह हैं। 🧘♀️ क्यों है यह चेतन प्रयोगशाला विशेष? क्योंकि… “जीवन एक प्रयोगशाला है, और चेतना उस प्रयोग का केंद्र है। सत्, चित् और आनन्द — इसी प्रयोग का अंतिम फल है।” मन: चेतन प्रयोगशाला का प्रयोगकर्ता जहाँ मन प्रयोग करता है — अपने […]
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सचेतन- 08: सत्-चित्-आनन्द – मनुष्य जीवन की अनमोल यात्रा
नमस्कार साथियो,आप सुन रहे हैं सचेतन,जहाँ हम बात करते हैं आत्मिक जागरण की,और उस सत्य की जो हमारे भीतर ही छुपा है। आज का विषय है —“सत्-चित्-आनन्द” — यह कोई शब्द नहीं,बल्कि मनुष्य जीवन की तीन दिव्य सीढ़ियाँ हैंजो हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर,अस्थिरता से स्थिरता की ओर,और दुख से आनंद की ओर ले […]
सचेतन- 07: आनन्द — आत्मानुभूति से उत्पन्न सुख
सत्-चित्-आनन्द: मनुष्यत्व की तीन सीढ़ियाँ 1️⃣ सत् (सत्य / अस्तित्व): सच्चाई को जानना और उसे जीना। यह हमें यथार्थ का बोध कराता है — सही निर्णय और शुद्ध कर्म की दिशा देता है। 2️⃣ चित् (चेतना / विवेक): जागरूकता और आत्मबोध का विकास। यह हमें दूसरों से अलग बनाता है — हम सोच सकते हैं, […]
सचेतन- 06: चित् — ज्ञान और विवेक का विकास
🌿 “इस सृष्टि में लाखों योनियाँ हैं — पर केवल मनुष्य ही वह प्राणी है जिसमें सत्-चित्-आनन्द का विकास संभव है।” 🕉️ भावार्थ: 🐾 जीवों की 84 लाख योनियों में केवल मनुष्य योनि ही ऐसी है जो आत्मबोध, मोक्ष और ईश्वर-प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकती है। यह एक संदेश है: “मनुष्य जन्म कोई […]
सचेतन- 05: सत् — सत्य और कर्म की शुद्धि
बहुत सुंदर और सारगर्भित बात है — “क्यों है मनुष्य जन्म कीमती?”इसका उत्तर वेदांत बहुत गहराई से देता है,क्यों है मनुष्य जन्म अनमोल? इस सृष्टि में लाखों योनियाँ हैं —पर केवल मनुष्य ही वह प्राणी हैजिसमें सत्-चित्-आनन्द का विकास संभव है। सत् — सत्य और कर्म की शुद्धि “सत्” का अर्थ है —जो सदा है, […]
सचेतन- 04: क्या हर मनुष्य मोक्ष चाहता है?
सृष्टि में करोड़ों जीव हैं — कीड़े, मछलियाँ, पक्षी, पशु… लेकिन इंसान? संख्या में बहुत कम। क्यों? क्योंकि सिर्फ मनुष्य ही सोच सकता है, श्रद्धा रख सकता है, अपने जीवन के उद्देश्य को पहचान सकता है। यानी सिर्फ इंसान को ही ज्ञान, कर्म और आनंद — इन तीनों का अनुभव करने की पूरी क्षमता है।पेड़–पौधे […]
सचेतन- 03 महापुरुषों का संग – आत्मज्ञान की सीढ़ी
महापुरुषों का संग।अगर हमें जीवन का सत्य जानना है, तो हमें किसी ज्ञानी गुरु के पास जाना होगा, जिससे हम यह अनुभव कर सकें कि — हम ब्रह्म हैं, हम वही चेतना हैं जो सब में व्याप्त है।गुरु की कृपा से ही अज्ञान मिटता है। महापुरुषों का संग – आत्मज्ञान की सीढ़ी अगर हमें इस […]
सचेतन- 02: मनुष्य जन्म: चेतना की उच्चतम अवस्था
सचेतन का कार्यक्रम धार्मिक शिक्षा नहीं, बल्कि जीवन का दिशा–सूचक तारा है।यह हमें आलस्य, भ्रम और अज्ञान से मुक्त करके ज्ञान, कर्म और आत्मोन्नति की ओर ले जाता है। मनुष्य जन्म का आध्यात्मिक अर्थ क्या है? मनुष्य जन्म कोई सामान्य बात नहीं है। यह परमात्मा का दिया हुआ एक विशेष अवसर है — स्वयं को […]
सचेतन- 01: मनुष्यत्व – इस जीवन का सच्चा मूल्य
Manushyattva (Human Birth) is Rare and Precious नमस्कार! स्वागत है आपका सचेतन के इस खास एपिसोड में। आज हम बात करेंगे – मनुष्यत्व की, यानी मनुष्य-जन्म की महत्ता और उसका आध्यात्मिक रहस्य। क्या आपने कभी सोचा है कि हम इंसान बने — यह कितनी बड़ी बात है? जी हाँ, वेद और उपनिषद में यह स्पष्ट […]
सचेतन- 19: अनुभूति
🌸 यही अनुभूति वह पुल है… जो सिर्फ पढ़े या सुने गए ज्ञान को नहीं,बल्कि उसे हमारे दिल और आत्मा से गहराई से जोड़ती है। हममें से बहुत से लोग जीवन भर किताबें पढ़ते हैं, भाषण सुनते हैं, बातें समझते हैं —पर जब तक वह ज्ञान केवल दिमाग तक सीमित रहता है,वह बाहरी जानकारी ही […]