विश्व ध्यान दिवस हर साल 21 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन आत्म-चिंतन, शांति और मानसिक स्थिरता के लिए ध्यान की प्राचीन प्रथाओं की महत्ता को समझाने और प्रचारित करने के लिए समर्पित है। ध्यान की विधि (Meditation Method): भगवद् गीता के अनुसार, ध्यान करने के लिए यह आवश्यक है कि मनुष्य अपने मन […]
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सचेतन 3.45:नाद योग: आत्मा की दिव्यता और परमपद की प्राप्ति
नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम एक विशेष कथा के माध्यम से सूर्य, चन्द्र, और अग्नि का ध्यान और इसके माध्यम से आत्मा की दिव्यता और परमपद की प्राप्ति पर चर्चा करेंगे। यह कथा हमें आत्मा की गहराइयों में झांकने और दिव्यता की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाएगी। कथा: ऋषि […]
सचेतन 3.42 : नाद योग: आत्मा की अंतिम मुक्ति की यात्रा
नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम एक गहन और प्रेरणादायक कथा के माध्यम से आत्मा की अंतिम मुक्ति की यात्रा पर चर्चा करेंगे। यह कथा हमें सिखाती है कि कैसे आत्मा संसार के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की ओर अग्रसर होती है। कथा: राजकुमार अर्जुन और आत्मा की मुक्ति […]
सचेतन 3.41 : नाद योग: आंतरिक आनंद का महत्व
आंतरिक आनंद का वास्तविक अर्थ नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे आंतरिक आनंद के गहरे महत्व पर। इसे समझने के लिए एक प्राचीन कथा के माध्यम से जानेंगे कि वास्तविक आनंद कहाँ छिपा है और इसे प्राप्त करने के लिए हमें किस दिशा में यात्रा करनी चाहिए। आइए, […]
सचेतन 3.40 : नाद योग: आंतरिक शांति का महत्व
शांत झील की कहानी नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे आंतरिक शांति के महत्व पर। इस गहरे विषय को समझने के लिए हम एक प्रेरणादायक कथा सुनेंगे, जो हमें यह सिखाएगी कि आंतरिक शांति ही जीवन का असली सुख है। कथा: बुद्ध और युवा साधक यह कथा प्राचीन […]
सचेतन 3.39 : नाद योग: मोक्ष के लिए आंतरिक शांति और आनंद
सचेतन 3.39 : नाद योग: मोक्ष के लिए आंतरिक शांति और आनंद आत्मा की अंतिम मुक्ति की यात्रा: राजा जनक और ऋषि याज्ञवल्क्य की कथा नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा पॉडकास्ट “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे एक अत्यंत गहरे और आध्यात्मिक विषय पर—मोक्ष के लिए आंतरिक शांति और आनंद। यह विषय हमें […]
सचेतन 3.37 : नाद योग: प्राणायाम और त्रिविध ब्रह्म
शरीर और मन की शुद्धि की विधि नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा “सचेतन” कार्यक्रम में। और आज हम चर्चा करेंगे प्राणायाम की एक विशेष विधि के बारे में, जिसमें त्रिविध ब्रह्म—ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र का प्रतीकात्मक महत्व निहित है। यह प्राणायाम विधि हमारे शरीर और मन को शुद्ध करने का एक अद्वितीय साधन है। […]
सचेतन 3.36 : नाद योग: हृदयकमल और ॐकार का ध्यान
आत्म-साक्षात्कार की ओर नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपके पसंदीदा पॉडकास्ट “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे ध्यान की एक अद्वितीय विधि के बारे में—हृदयकमल और ॐकार का ध्यान। यह ध्यान न केवल हमारे मन को शांत करता है, बल्कि हमें आत्म-साक्षात्कार की ओर भी ले जाता है। आइए, जानते हैं इसकी गहराई और महत्व […]
सचेतन 3.34 : नाद योग: तुरीय अवस्था का आध्यात्मिक महत्व
नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका “सचेतन” कार्यक्रम में। आज हम चर्चा करेंगे “तुरीय अवस्था” के आध्यात्मिक महत्व पर। यह वह अवस्था है, जो जाग्रत, स्वप्न, और सुषुप्ति अवस्थाओं से परे है। तुरीय अवस्था शुद्ध चेतना की वह उच्चतम अवस्था है, जिसे आत्म-साक्षात्कार के लिए आवश्यक माना जाता है। आइए, इस अवस्था के आध्यात्मिक पहलुओं को […]
सचेतन 3.33 : नाद योग: तुरीय अवस्था: शुद्ध चेतना की अंतिम अवस्था
नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका हमारे इस खास सचेतन के विचार सत्र में। और आज हम चर्चा करेंगे एक अत्यंत गहन और आध्यात्मिक विषय पर, जिसे “तुरीय अवस्था” कहा जाता है। यह वह अवस्था है जहाँ आत्मा शुद्ध चेतना में प्रवेश करती है और परमात्मा के साथ एकत्व का अनुभव करती है। तो आइए, जानते […]