नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। “तरकीब से जो काम हो सकता है, वह बहादुरी से नहीं हो सकता। कौआ और कौई ने अपनी चतुराई से सोने की सिकड़ी का उपयोग करके काले नाग को मरवा दिया।” इसलिए, […]
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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-21 : कौओं के जोड़े और काले नाग की कथा-2
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। आज कल वाली कहानी जो कौओं के जोड़े और काले नाग की है, जो एक बरगद के पेड़ पर घटित होती है उसको आगे सुनते हैं।कहानी का सरल और समझने में आसान […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-20 : कौओं के जोड़े और काले नाग की कथा
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। आज की कहानी कौओं के जोड़े और काले नाग की है, जो एक बरगद के पेड़ पर घटित होती है। इसमें जीवन की समस्याओं और उनका समाधान ढूंढने की सूझबूझ के बारे […]
सचेतन, “मेरा नया बचपन”
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आप सबका हमारे आज के विचार के सत्र में। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कविता के बारे में, जिसने हमारे दिल को छू लिया और हमें अपने बचपन के उन अनमोल पलों की याद दिलाई। आज का हमारा विषय है — “मेरा नया बचपन।” यह कविता हमें उन मधुर पलों […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-17 : “बुनकर की वीरता और भगवान नारायण का हस्तक्षेप”
नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में में, जहाँ हम सुनते हैं अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ। आज की कहानी एक बुनकर की है, जिसने विष्णु का रूप धारण कर छल किया, लेकिन अंततः अपनी वीरता और बलिदान के लिए प्रसिद्ध हुआ। यह कहानी छल, साहस, और भगवान नारायण के हस्तक्षेप […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-16 : “राजकुमारी, बुनकर और झूठी माया की कहानी”
नमस्कार दोस्तों! स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में, जहां हम आपको सुनाते हैं अनोखी और दिलचस्प कहानियाँ। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कहानी की, जिसमें चालाकी, प्रेम, और छल की माया ने एक पूरे राज्य को भ्रमित कर दिया। यह कहानी है एक राजकुमारी, एक बुनकर और उसके विष्णु-रूप धारण करने […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-15 : “दोस्त की चाल और प्रेम की जीत”
बुनकर की मुश्किल और रथकार का समाधान: हमारी पिछली कहानी में आपने सुना कि कैसे बुनकर ने राजकुमारी को देखकर उसके प्रेम में अपना दिल खो दिया था और अब उसके बिना जीना मुश्किल हो गया था। उसकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उसने अपने दोस्त रथकार से मरने की बात तक कह दी। लेकिन […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-14 : “चालाकी की ताकत और प्रेम की तृष्णा”
धोखे का नाटक और न्याय जब बुनकर ने कुछ देर बाद उठकर अपनी पत्नी से सवाल पूछे और उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो बुनकर को और गुस्सा आ गया। उसने तेज हथियार उठाया और नाइन की नाक काट दी, यह सोचकर कि वह उसकी पत्नी है। नाइन ने रोते-चिल्लाते घर से बाहर निकल कर […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-13 : देव शर्मा का बुनकर और उसकी पत्नी से मुलाक़ात
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जिसमें है विश्वासघात, मोह, और मानवीय स्वभाव की जटिलताएँ कैसे आगे जीवन पर असर डालती है। यह कहानी है देव शर्मा नाम के एक संन्यासी की, जिसे उसके ही शिष्य ने धोखा […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-12 : आषाढ़भूति, सियार और दूती आदि की कथा-2
यह कहानी एक महत्वपूर्ण सीख देती है कि किस प्रकार मनुष्य को संयम, सतर्कता, और विश्वास का संतुलन साधना चाहिए। इसमें देव शर्मा नामक एक संन्यासी और आषाढ़भूति नामक एक धूर्त पात्र के बीच की घटनाओं को दर्शाया गया है, जिसमें ज्ञान, धोखा और लोभ की परतें उजागर होती हैं। शांति और वैराग्य की चर्चा: […]