सुन्दरकाण्ड – सर्वार्थसिद्धि की प्राप्ति के लिए होता है। राम की जीवन-यात्रा के सात काण्ड- बालकाण्ड, अयोध्यकाण्ड, अरण्यकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, लङ्काकाण्ड और उत्तरकाण्ड। लेकिन मनोवैज्ञानिक रूप में सुन्दरकाण्ड मानवीय जीवन में आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला है।कहते हैं की हे रघुनाथ जी आप सबके अंतरात्मा हैं। हनुमान जी उचित ज्ञान और प्रभु के आशीर्वाद से […]
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सचेतन 2.38: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – रावण की हवेली स्त्रियों से प्रकाशित एवं सुशोभित होता था।
स्वर्ग जैसे भोगावशिष्ट पुण्य इन सुन्दरियों के रूपमें एकत्र थी तदनन्तर हनुमान् जी आगे बढ़ने पर एक बहुत बड़ी हवेली देखी, जो बहुत ही सुन्दर और सुखद थी। वह हवेली रावण को बहुत ही प्रिय थी, ठीक वैसे ही जैसे पति को कान्तिमयी सुन्दरी पत्नी अधिक प्रिय होती है। उसमें मणियों की सीढ़ियाँ बनी थीं […]
सचेतन 2.37: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – तपस् में जीवन के शाश्वत मूल्यों की प्राप्ति होती है
हनुमान् जी के द्वारा पुनः पुष्पक विमान का दर्शन रावण के भवन के मध्यभाग में खड़े हुए बुद्धिमान् पवनकुमार कपिवर हनुमान् जी ने मणि तथा रत्नों से जटित एवं तपे हुए सुवर्णमय गवाक्षों की रचना से युक्त उस विशाल विमान को पुनः देखा। उसकी रचना को सौन्दर्य आदि की दृष्टि से मापा नहीं जा सकता […]
सचेतन 2.36: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड -राक्षसराज रावण के महल में सीताजी की खोज रावण के भवन एवं पुष्पक विमान का वर्णन
रावण के भवन एवं पुष्पक विमान का वर्णन तत्पश्चात् बल-वैभव से सम्पन्न हनुमान् उन सब भवनों को लाँघकर पुनः राक्षसराज रावण के महल पर आ गये। वहाँ विचरते हुए उन वानरशिरोमणि कपिश्रेष्ठ ने रावण के निकट सोने वाली (उसके पलंग की रक्षा करने वाली) राक्षसियों को देखा, जिनकी आँखें बड़ी विकराल थीं। साथ ही, उन्होंने […]