“अपनी प्रकृति” और “मायावाद” दोनों शब्द भारतीय दर्शन में गहराई से उलझे हुए संकल्पनाएं हैं, जिन्हें समझने के लिए इनके मूल अर्थों पर विचार करना जरूरी है। अपनी प्रकृति “अपनी प्रकृति” का अर्थ है किसी व्यक्ति की वह बुनियादी या मूलभूत प्रकृति जो उसके व्यवहार और निर्णयों को निर्देशित करती है। यह प्रकृति संस्कृतियों, व्यक्तिगत […]
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सचेतन: ज्ञान योग-३: अपनी प्रकृति का मूल्यांकन करें
नमस्कार दोस्तों, कल हमने देखा कि स्वामी विवेकानंद ने ज्ञान योग के मार्ग को कैसे समझाया। आज हम बात करेंगे कि आप अपनी असली प्रकृति को कैसे पहचान सकते हैं। इन पहलुओं को समझने से आप अपनी असली प्रकृति के करीब पहुंच सकते हैं। आज हम बात करेंगे मूल्य और विश्वास (Values and Beliefs): आध्यात्मिक […]
सचेतन: ज्ञान योग-2: अपनी असली प्रकृति को समझना
नमस्कार दोस्तों, कल हमने बात किया था की स्वामी विवेकानंद जी ने ज्ञान योग का मार्ग विस्तार से समझाया और दुनिया को यह बताया कि कैसे हर व्यक्ति अपने ज्ञान और समझ के द्वारा अपने आप को और अपने आस-पास की दुनिया को बेहतर बना सकता है और इस माध्यम से ही आत्मा की शांति […]
सचेतन: ज्ञान योग-1
ज्ञान योग, जिस पर स्वामी विवेकानंद ने विशेष जोर दिया, ज्ञान और बुद्धि के माध्यम से आत्मिक मुक्ति या मोक्ष प्राप्त करने का एक मार्ग है। स्वामीजी के अनुसार, ज्ञान योग उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो गहराई से ज्ञान और बुद्धि की खोज में रुचि रखते हैं। इस योग की प्रक्रिया में व्यक्ति […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-66 : कपिंजल खरगोश-२
इस कहानी में खरगोश और गौरैया के मध्य संवाद और उनकी चिंताओं, आशाओं और धार्मिक विचारों को बहुत सुंदरता से प्रस्तुत किया गया है। यह कहानी प्राचीन भारतीय साहित्य और दर्शन के समृद्ध तत्वों को समेटे हुए है, जहां प्रकृति और जीवन के प्रति मानवीय विचारों और नैतिकता का गहन अध्ययन किया गया है। कहानी […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-65 : कपिंजल खरगोश
यह कहानी है एक खरगोश की, जो प्राचीन काल में एक वृक्ष के नीचे रहते थे। गौरैया नामक पक्षी भी उसी वृक्ष पर रहता था, और खरगोश, जिसका नाम कपिंजल था, उसी पेड़ के खोखले में रहता था। वे दोनों शाम के समय अपने-अपने दिन की बातें करते और आपस में अनेक आश्चर्यजनक बातें साझा […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-64 : बुद्धिमान खरगोश और गजराज
हाथियों का झुंड उस इलाके में अपना डेरा जमा चका था। खरगोशों को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई। वे सब मिलकर सोचने लगे कि हाथियों को कैसे वापस भगाया जाए, क्योंकि उनके आने से उनका जीवन कठिन हो गया था। खरगोशों ने तय किया कि वे एक प्रतिनिधि को चुनेंगे जो हाथियों के […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-63 : बुद्धिमान खरगोश और गजराज
एक जंगल में चतुर्दन्त नाम का एक बड़ा हाथी रहता था, जो गजराज था। एक बार, वहां काफी समय तक बारिश नहीं हुई और सारे तालाब और झीलें सूख गईं। इससे सभी हाथियों के बच्चे प्यास से बेहाल हो गए और कुछ तो मर भी गए। तब सभी हाथी गजराज के पास गए और बोले, […]
सचेतन, पंचतंत्र की कथा-62 : बुद्धिमान को मित्र बनाओ
पूर्व की कथा के माध्यम से हमने बड़ी सुंदरता से मित्रता, विश्वास, संकटों का सामना, और जीवन की अनित्यता के विषयों को उजागर किया है। मंथरक, हिरण्यक, और लघुपतनक के माध्यम से जो मित्रता और सहयोग की भावना दिखाई गई है, वह हमें बताती है कि किस प्रकार सच्चे मित्र हमेशा एक-दूसरे के लिए वहाँ […]
सचेतन: शब-ए-बारात के बारे में जानकारी
शब-ए-बारात, जिसे ‘बरात की रात’ के रूप में भी जाना जाता है, इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 14वीं और 15वीं रात को मनाई जाती है। यह रात मुसलमानों के लिए बहुत पवित्र मानी जाती है। माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद इस शुभ रात को मक्का पहुंचे थे । एक अन्य प्रचलित कथा […]