0 Comments

सचेतन, पंचतंत्र की कथा-37 : लोहे की तराजू और बनिए की कथा

हमने धर्मबुद्धि और पापबुद्धि की कथा और बगला, सांप और केकड़े की कहानी सुना और यह जाना कि किस तरह बिना सोचे-समझे कोई उपाय करना विनाश को आमंत्रित कर सकता है।जिस स्थान पर छोटी-छोटी बातें अनदेखी की जाती हैं और मूर्खता या दुष्टता को बढ़ावा दिया जाता है, वहाँ बड़ी-बड़ी समस्याएँ स्वतः ही उत्पन्न हो […]

0 Comments

सचेतन, पंचतंत्र की कथा-14 : “चालाकी की ताकत और प्रेम की तृष्णा”

धोखे का नाटक और न्याय जब बुनकर ने कुछ देर बाद उठकर अपनी पत्नी से सवाल पूछे और उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो बुनकर को और गुस्सा आ गया। उसने तेज हथियार उठाया और नाइन की नाक काट दी, यह सोचकर कि वह उसकी पत्नी है। नाइन ने रोते-चिल्लाते घर से बाहर निकल कर […]