🌿 “इस सृष्टि में लाखों योनियाँ हैं — पर केवल मनुष्य ही वह प्राणी है जिसमें सत्-चित्-आनन्द का विकास संभव है।” 🕉️ भावार्थ: 🐾 जीवों की 84 लाख योनियों में केवल मनुष्य योनि ही ऐसी है जो आत्मबोध, मोक्ष और ईश्वर-प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकती है। यह एक संदेश है: “मनुष्य जन्म कोई […]
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सचेतन- 2: सुनने मात्र से चेतना की जागृति का मार्ग
चेतना को जानने के तीन मार्ग 1. श्रवण (Shravanam) – “सुनना और ग्रहण करना” परिभाषा: श्रवण का अर्थ है – गुरु या आचार्य से वेद, उपनिषद, भगवद्गीता जैसे शास्त्रों का ज्ञान श्रद्धा और ध्यानपूर्वक सुनना। महत्व: कैसे करें: कहानी: अर्जुन का श्रवण – समर्पण से ज्ञान की ओर कुरुक्षेत्र का मैदान युद्ध के लिए तैयार […]
सचेतन 3.04 : नाद योग: ॐ को हंस के रूप में दर्शाना
प्रस्तावना और परिचय: ॐ नमः शिवाय! आप सभी का स्वागत है हमारे विशेष नाद योग (योग विद्या) पर सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज हम नाद बिंदु उपनिषद के गहन और पवित्र ज्ञान ॐ को हंस के रूप में दर्शाना के बारे में चर्चा करेंगे। हमारी यात्रा की शुरुआत प्रार्थना ॐ से करते […]