हनुमान् जी के द्वारा पुनः पुष्पक विमान का दर्शन रावण के भवन के मध्यभाग में खड़े हुए बुद्धिमान् पवनकुमार कपिवर हनुमान् जी ने मणि तथा रत्नों से जटित एवं तपे हुए सुवर्णमय गवाक्षों की रचना से युक्त उस विशाल विमान को पुनः देखा। उसकी रचना को सौन्दर्य आदि की दृष्टि से मापा नहीं जा सकता […]