यह कहानी एक महत्वपूर्ण सीख देती है कि किस प्रकार मनुष्य को संयम, सतर्कता, और विश्वास का संतुलन साधना चाहिए। इसमें देव शर्मा नामक एक संन्यासी और आषाढ़भूति नामक एक धूर्त पात्र के बीच की घटनाओं को दर्शाया गया है, जिसमें ज्ञान, धोखा और लोभ की परतें उजागर होती हैं। शांति और वैराग्य की चर्चा: […]