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सचेतन- 4: चिंतन और संशय निवारण: चेतना का मार्ग

संशय का अर्थ होता है — संदेह या शंका। लेकिन यह केवल नकारात्मक भावना नहीं है। भारतीय दर्शन में संशय को चिंतन का पहला चरण माना गया है। 🌿 संशय – आत्मज्ञान की पहली सीढ़ी संशय वही अवस्था है जब मन प्रश्न करता है: इन्हीं प्रश्नों से मनन की शुरुआत होती है। संशय हमारी चेतना […]

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सचेतन- 3: चिंतन और संशय निवारण चेतना का मार्ग खोलती है

चेतना को जानने के तीन मार्ग मनन (Mananam) – “चिंतन और संशय निवारण” परिभाषा: श्रवण से प्राप्त ज्ञान पर गहराई से विचार करना और उसमें उत्पन्न संदेहों को दूर करना – यही मनन है। महत्व: कैसे करें:  यथा याज्ञवल्क्य और गार्गी के बीच संवाद में, गार्गी ने बार-बार प्रश्न पूछे। यह मनन का उदाहरण है […]

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सचेतन 2.113 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – अंगद का संकल्प और जाम्बवान का निवारण

भले ही हममें कितनी भी शक्ति क्यों न हो, धैर्य और समर्पण भी उतना ही महत्वपूर्ण है नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे आज के विशेष सचेतन के इस विचार के सत्र  में, जहाँ हम बात करेंगे वानर सेना के वीर अंगद के उत्साह और जाम्बवान के विवेकपूर्ण निवारण की।दोस्तों, कहानी शुरू होती है उस […]