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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-63 : बुद्धिमान खरगोश और गजराज

एक जंगल में चतुर्दन्त नाम का एक बड़ा हाथी रहता था, जो गजराज था। एक बार, वहां काफी समय तक बारिश नहीं हुई और सारे तालाब और झीलें सूख गईं। इससे सभी हाथियों के बच्चे प्यास से बेहाल हो गए और कुछ तो मर भी गए। तब सभी हाथी गजराज के पास गए और बोले, […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-62 : बुद्धिमान को मित्र बनाओ

पूर्व की कथा के माध्यम से हमने बड़ी सुंदरता से मित्रता, विश्वास, संकटों का सामना, और जीवन की अनित्यता के विषयों को उजागर किया है। मंथरक, हिरण्यक, और लघुपतनक के माध्यम से जो मित्रता और सहयोग की भावना दिखाई गई है, वह हमें बताती है कि किस प्रकार सच्चे मित्र हमेशा एक-दूसरे के लिए वहाँ […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-59 : जीवन में संकट के समय में उचित निर्णय लें

नमस्कार, दोस्तों! आप सभी का स्वागत है हमारे “सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कहानी की, जो हमें सिखाती है कि कैसे बुरे समय में तेजी से कदम उठाना चाहिए। तो, बिना किसी देरी के, चलिए शुरू करते हैं। इस कहानी के माध्यम से, मंथरक यह भी समझाता […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-58 : मान, आध्यात्मिकता, और जीवन की चुनौतियाँ

नमस्कार! आपका स्वागत है सचेतन के सत्र में, जहां हम जीवन और समाज के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहराई से विचार करते हैं। कल हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सार्थक विषय पर चर्चा किए थे: “धन की तीन गतियां – दान, उपभोग और नाश”। धन, जो कि हम सभी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-57 : धन की तीन गतियां- दान, उपभोग और नाश

“तालाब का पानी बाहर निकालना ही उसकी रक्षा है। उसी तरह, पैदा किए गए धन का दान ही उसकी रक्षा है।यह विचार बहुत ही सुंदर है और गहरे अर्थ को दर्शाता है। यह कहावत दर्शाती है कि जिस तरह तालाब का पानी अगर बाहर नहीं निकाला जाए तो सड़ सकता है, उसी तरह अगर धन […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-28 :सिंह, ऊँट, सियार और कौए की कथा

नमस्कार, दोस्तों! स्वागत है आपका “सचेतन” के नए एपिसोड में। आज हम आपको एक दिलचस्प कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसमें मदोत्कट सिंह, उसके नौकर और एक बेचारा ऊँट शामिल है। चलिए, शुरू करते हैं। किसी वन में मदोत्कट नाम का एक सिंह रहता था। उसके नौकरों में चीता, कौआ, सियार और दूसरे पशु शामिल […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-27 :सियार की चाल-2

सियार चंडरव की कथा नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है “सचेतन” के इस सत्र में, जहाँ हम पंचतंत्र की कहानियों से सीख और प्रेरणा लेते हैं। आज की कहानी है एक चालाक सियार ‘चंडरव’ की, जो जंगल के दूसरे जानवरों को अपनी बुद्धिमानी से ठगता है। एक दिन भूख से परेशान होकर चंडरव नामक सियार भोजन […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-24 : सिंह और खरगोश की कथा-3

एक दिन खरगोश की बारी आई। खरगोश चिंतित था लेकिन उसने अपनी चतुराई से सिंह को मारने की योजना बनाई। रास्ते में उसे एक कुआँ मिला, और उसकी परछाई देखकर उसने सोचा कि इसी कुएं का इस्तेमाल कर सिंह को गुस्सा दिलाकर फंसाया जा सकता है। सिंह के पास देर से पहुँचने पर उसने सिंह […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-23 : सिंह और खरगोश की कथा-2

नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र  में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। सभी जानवरों के बातों को सुनने के बाद सिंह ने कहा, “तुम सब सही कह रहे हो। लेकिन ध्यान रहे, अगर रोज एक जानवर मेरे पास नहीं आया तो मैं सभी को […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-22 : सिंह और खरगोश की कथा-1

नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र  में में, जहाँ हम पंचतंत्र से अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ सुनते हैं। “तरकीब से जो काम हो सकता है, वह बहादुरी से नहीं हो सकता। कौआ और कौई ने अपनी चतुराई से सोने की सिकड़ी का उपयोग करके काले नाग को मरवा दिया।” इसलिए, […]