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सचेतन- 09: शेष – हमारी चेतना अनंत है, परंतु अनुभव सीमित

“शेष – जो बचा रह गया” नमस्कार दोस्तों,हम एक गहरे, बहुत ही सूक्ष्म विषय की बात पर पिछले दिनों चर्चा जारी किए थे — “शेष”, यानी वह जो बचा रह जाता है। वह जो हमारी सोच से परे है, अनुभव से बाहर, पर फिर भी हमारे भीतर है। हमारी यात्रा एक प्राचीन वैदिक श्लोक से […]