Tag: प्राण से ही मानव शरीर में लय और ताल का संचारण हो रहा है
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सचेतन 229: शिवपुराण- वायवीय संहिता – प्राण से ही मानव शरीर में लय और ताल का संचारण हो रहा है।
प्राण से सम्वेदनाओं को समझने का अवसर मिलता है। अगर आप सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को महसूस करके देखिए तो पायेंगे की हर वस्तु में पूरी तरह से सृष्टि का अस्तित्व उसकी गति एवं क्रिया निरन्तर स्फुरण रहती है यानी हलचल का अनुभाव प्रत्येक वस्तु में है। छोटे से छोटे परमाणु से लेकर ग्रह, नक्षत्र, सूर्य सभी…