0 Comments

सचेतन 2.8: रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – अपने तेज, बल और पराक्रम के आवेश और प्राणों को हृदयमें रोककर कार्य की तैयारी करें।

स्वातिक चिन्ह प्रायः साँप के फणों में दिखाई देनेवाली नीली रेखाओं को कहते हैं। सबने हनुमान जी के विशाल दृश्य का अहसास किया उन्होंने जो संकल्प लिया और उन कार्य को करने के लिए अपने शारीरिक बल का आवाहन किया।  कहते हैं की वो पर्वत के समान विशालकाय महान वेगशाली पवनपुत्र हनुमान्जी वरुणालय समुद्र को […]