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सचेतन 260: शिवपुराण- वायवीय संहिता – भगवान की योगमाया आपको चिन्मय बनती है

यह सनातन सत्य हैं की आप स्वयं से संबंध स्थापित कर सकते हैं  आप अपने बाह्य दुनियाँ को देखें जिसे बहिरंग प्रकृति कहते हैं इसका नाम “माया’ है। भावयोग के ज्ञान मात्र से जब आप अपने आंतरिक प्रकृति से जुड़ने लगाते हैं तभी ही  हम भगवान की अन्तरंगा शक्ति के साथ अपना संबंध स्थापित कर […]