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सचेतन:बुद्धचरितम्-17 आराडदर्शन

गौतम बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति की ओर यात्रा गौतम बुद्ध, जो इक्ष्वाकु वंश के तेजस्वी राजकुमार थे, सत्य की खोज में निकल पड़े थे। वे पहले अराड मुनि के आश्रम पहुँचे। मुनि ने उनका प्रेमपूर्वक स्वागत किया और उन्हें आदर से आसन दिया। उन्होंने कहा, “शास्त्र का उपदेश देने से पहले मैं आमतौर पर शिष्य […]

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सचेतन: ज्ञान योग-6: माया की भूमिका

माया एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘जो नहीं है’ या ‘भ्रम’। अद्वैत वेदांत के अनुसार, ब्रह्म ही सत्य है, जो कि एक अनंत, अव्यक्त, और निराकार सत्ता है। माया उस पर्दे की तरह है जो ब्रह्म और जीवात्मा के बीच में होती है, जिससे जीवात्मा खुद को ब्रह्म से अलग और भिन्न […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-16 : “राजकुमारी, बुनकर और झूठी माया की कहानी”

नमस्कार दोस्तों! स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में, जहां हम आपको सुनाते हैं अनोखी और दिलचस्प कहानियाँ। आज हम बात करेंगे एक ऐसी कहानी की, जिसमें चालाकी, प्रेम, और छल की माया ने एक पूरे राज्य को भ्रमित कर दिया। यह कहानी है एक राजकुमारी, एक बुनकर और उसके विष्णु-रूप धारण करने […]