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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-48 : गजराज और मूषकराज

मित्रलाभ की प्रेरक कथा “नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका ‘सचेतन सत्र’ में। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं पंचतंत्र के ‘मित्रलाभ’ (मित्र प्राप्ति) से ली गई एक और प्रेरणादायक कहानी – ‘गजराज और मूषकराज’। यह भाग सच्चे मित्र बनाने और उनकी अहमियत पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि मित्रता जीवन को कैसे […]

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सचेतन, पंचतंत्र की कथा-47 : मित्रसंप्राप्ति या मित्रलाभ

पंचतंत्र के भागपंचतंत्र भारतीय साहित्य की एक प्रसिद्ध और प्राचीनतम रचना है, जिसे संस्कृत में लिखा गया था। यह नीतिशास्त्र और नैतिकता पर आधारित कहानियों का संग्रह है। इसकी रचना आचार्य विष्णु शर्मा ने की थी। पंचतंत्र को पाँच भागों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक भाग जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को सिखाने के […]