रावण के भवन एवं पुष्पक विमान का वर्णन तत्पश्चात् बल-वैभव से सम्पन्न हनुमान् उन सब भवनों को लाँघकर पुनः राक्षसराज रावण के महल पर आ गये। वहाँ विचरते हुए उन वानरशिरोमणि कपिश्रेष्ठ ने रावण के निकट सोने वाली (उसके पलंग की रक्षा करने वाली) राक्षसियों को देखा, जिनकी आँखें बड़ी विकराल थीं। साथ ही, उन्होंने […]