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सचेतन- 45 वेदांत सूत्र: विरह → विरक्ति → वैराग्य → संन्यास

वेदान्त की चार सीढ़ियाँनमस्कार दोस्तों,आप सुन रहे हैं सचेतन —जहाँ हम जीवन, मन और आत्मा के अनुभवों कोसरल भाषा में समझते हैं। आज का विषय है—विरह, विरक्ति, वैराग्य और संन्यास वेदान्त में ये चारों एक गहरी, आंतरिक यात्रा के चरण हैं।बाहरी दुनिया से भीतर की ओर लौटने की यात्रा। विरह — दूरी का दर्द  विरह […]

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सचेतन 2.115 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – जानकी की पुकार

सीता का संदेश: विरह और प्रतिज्ञा दोनों है  नमस्कार, दोस्तों! आपका स्वागत है हमारे आज के खास सचेतन के इस विचार के सत्र  में, जहाँ हम लेकर आए हैं आपके लिए एक दिल छू लेने वाली कथा, “जानकी की पुकार”। आज हम सुनेंगे वीर हनुमान द्वारा देवी सीता के सन्देश को श्री राम तक पहुँचाने […]