सचेतन 152 : श्री शिव पुराण- तामसिक शक्ति शारीरिक और मानसिक बोझ पैदा करती है

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सचेतन 152 : श्री शिव पुराण- तामसिक शक्ति शारीरिक और मानसिक बोझ पैदा करती है

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तामसिक स्वभाव के भी तीन प्रकार होते हैं:- पासवा (कम बुद्धि वाले), मत्स्य (अधीर), वानस्पतिक- (ज्यादा भोजन करने वाले) आपके अंदर तीन प्रकार की शक्तियाँ मौजूद हैं- सत्त्विक शक्ति- रचनात्मक क्रिया और सत्य का प्रतीक है। राजसी शक्ति- लक्ष्यहीन कर्म और जुनून पर केंद्रित है। तामासी शक्ति- विनाशकारी क्रिया और भ्रम का प्रतिनिधित्व करता है। तामसिक शक्ति का परिचय शनि ग्रह के समान है। लोग कहते कहते हैं की शनि की दशा चल रही है यानी आपके जीवन की शक्ति प्रायः आपको जड़ता, आलस्य, रूकावट, कष्ट, दुःख, विपत्ति, विरोध, मृत्यु, दासी, चांडाल, वनचर, डरावने लोग, नपुंसकता, दासता, अधार्मिक कार्य, झूठ बोलना, वात रोग, बुढ़ापा, मजदूरी, अवैध सन्तति, गन्दे व बुरे पदार्थ व विचार, लंगड़ापन, कृषिजीवी, शस्त्रागार, वहिष्कार, शक्ति का दुरूपयोग, तामासी गुण, व्यर्थ घूमना, डर, अटपटे बाल, बकरा, भैंस, सार्वभौम सत्ता कुत्ता के समान व्यवहार, चोरी, कठोर हृदयता, मूर्ख नौकर व दीक्षा के तरह लगेगा। तामसिक शक्ति के कारण दिन व दिन आपकी समझ की कमी होती जाएगी, तामसिक शक्ति से लोग आलसी, डरपोक और कमजोर याददाश्त वाले बन जाते हैं। तामसिक शक्ति के आने का सूचक है की आप धीरे धीरे स्वभाव से उदासीन और असंवेदनशील बनते जाते हैं। जब आपको लगता है की आप लोग दूसरों का आदर और सम्मान करना कम कर रहे है और असभ्य, कमजोर, मोटे, अनैतिक या हिंसक होते जा रहे हैं तो आप के अंदर तामसिक शक्ति आ रही है। जब आपके आस पास के लोग आपको यह कहना शुरू कर देते हैं की आप जिद्दी या हठी, और लापरवाह बन गये हैं तो संभल जाइए क्यों की आपकी शारीरिक और मानसिक रूप से सुधार करने की इच्छा कम होती जा रही है आपके अंदर इच्छा शक्ति और अनुशासन की कमी होती जा रही है। तामसिक व्यक्ति शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से बोझ लगाने वाली किसी भी काम में शामिल नहीं होते हैं, और अगर संभव हो तो किसी भी काम को करने से बचते हैं। वे खाने, पीने, सोने, सेक्स या आलस्य में लिप्त रहते हैं, या इसके बारे में ही सोचते हैं। ये लोग बेईमान, बुरी आदतों के शिकार होते हैं और अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते। ये ज्यादातर अध्यात्म के बारे में समझने में ना तो कोई पहल करते हैं और ना ही रुचि लेते हैं। ये भगवान में कम या बिल्कुल विश्वास नहीं रखते। तामसिक स्वभाव के लोग अक्सर दुखी या उदास रहते हैं। मुख्य रूप से तामसिक स्वभाव के लोग मतलब से ही किसी को प्यार करते हैं, इसलिए रिश्तों के मामले में वो दूसरों का फायदा उठाते हैं, वो धोखे से लेने के अलावा कुछ भी देने में विश्वास नहीं रखते। अक्सर ये अपनी नौकरी या परिस्थिति के बारे में शिकायत करते रहते हैं और उसे बदलने के लिए कोई कदम या उत्साह नहीं दिखाते। तामसिक लोग गहरी नींद लेते हैं और उन्हें नींद से उठाना आमतौर पर आसान नहीं होता है और अक्सर सुस्त होते हैं। ये लोग बहुत ज्यादा भोजन करते हैं और मसालेदार, मीठा, भारी, बासी, ठंडा, पैकेट बंद चीजें खाते हैं। “फास्ट फूड” या “जंक फूड” और मांस उनके आहार का एक बड़ा हिस्सा होता है। तामसिक स्वभाव के भी तीन प्रकार होते हैं: पासवा- इस स्वभाव के लोग कम बुद्धि वाले, जानवरों जैसा व्यवहार करने वाले, नींद और शारीरिक सुख में डूबे रहने वाले और आज्ञा ना मानने वाले होते हैं मत्स्य- इस स्वभाव के लोग अधीर, चरित्र में बदलाव करते रहने वाले, कायर, अतृप्त और ज्यादा शराब पीने वाले होते हैं वानस्पतिय- ज्यादा भोजन करने वाले, शिक्षा,अन्य लोगों और आसपास में रुचि ना लेने वाले लोग होते हैं।

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