सचेतन- 06:साधना की माँ जैसी प्राथमिकता
“जैसे माँ अपने बच्चे को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, वैसे ही साधना को भी अपने जीवन में अडिग स्थान देना चाहिए। प्रतिदिन थोड़ा समय, यदि श्रद्धा से समर्पित किया जाए, तो वह अंतरात्मा को बदल सकता है।”
नमस्कार!
आप सुन रहे हैं “सचेतन” — एक आंतरिक यात्रा की श्रृंखला।
आज का विषय है — “माँ जैसी साधना”।
हम सबने माँ को देखा है —
वो थकी हो या बीमार,
उसका ध्यान सबसे पहले बच्चे पर होता है।
उसके लिए कुछ भी ज़रूरी हो सकता है,
पर उसका बच्चा सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है।
ठीक उसी तरह —
साधना को भी हमारे जीवन में वही स्थान मिलना चाहिए।
हमेशा नहीं, पर हर दिन कुछ पल — शांत, समर्पित, सच्चे।
👉 पाँच मिनट मौन में बैठना,
👉 एक श्वास पर ध्यान देना,
👉 “अहं ब्रह्मास्मि” को एकाग्र होकर दोहराना।
ये छोटे-छोटे क्षण ही भीतर परिवर्तन लाते हैं।
क्योंकि साधना का मूल्य समय नहीं,
बल्कि श्रद्धा और समर्पण में है।
श्रद्धा से किया गया छोटा अभ्यास,
बिना श्रद्धा के बड़े घंटों से कहीं अधिक फलदायी होता है। तो आइए,
हर दिन, बस कुछ पल माँ की तरह अपने अंतर्यामी को प्राथमिकता दें।
उससे जुड़ें,
उसे सुनें,
और साधना को जीवन का स्नेहमयी हिस्सा बनाएं।
साधना घड़ी देखकर नहीं की जाती।
यह तो हृदय की गहराई से निकलती है।
समय चाहे 5 मिनट का हो या 5 घंटे का,
यदि उसमें श्रद्धा और समर्पण है,
तो वही साधना फलदायी है।
सच्ची साधना तब होती है —
🔸 जब मन स्थिर हो,
🔸 जब अहं शांत हो,
🔸 और जब आत्मा ईश्वर को समर्पित हो।
“साधना का मूल्य उसकी लंबाई में नहीं, उसकी गहराई में है।”
“व्यक्तित्व को सुसंस्कारित बना लेना ही सच्ची साधना है” — यह वाक्य जीवन का गहरा सत्य प्रकट करता है।
साधना का अर्थ केवल पूजा-पाठ या ध्यान-भजन नहीं होता।
सच्ची साधना तब होती है जब हमारा आचरण, विचार, और व्यवहार संस्कारों से परिपूर्ण हो जाए —
🔹 जहाँ हम सत्य बोलें,
🔹 करुणा से व्यवहार करें,
🔹 और कर्तव्य को ईश्वर-सेवा मानकर निभाएँ।
जब हम अपने भीतर के दोषों को पहचानकर उन्हें सुधारने लगते हैं,
जब हम दूसरों की भलाई के लिए सोचते हैं,
और जब हमारा व्यक्तित्व विनम्र, शांत, और संवेदनशील बनता है —
तब वह आत्मिक विकास की यात्रा ही साधना बन जाती है।
🌿 इसलिए कहा गया है —
“साधना वह नहीं जो केवल मंदिर में हो,
साधना वह है जो जीवन के हर क्षण में हो।“
जहाँ हम अपनी चेतना को स्पर्श करने की कोशिश जारी रखेंगे।
ॐ शांति शांति शांति: