सचेतन 2.107  : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – हनुमान जी ने सीताजी के इस संदेह का समाधान बताया।

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हनुमान जी की समाधानकारी सोच 

नमस्ते और स्वागत है सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज हम एक महान और प्रेरणादायक कथा सुनेंगे – हनुमान जी की कहानी, जो सीता माता के पास गए और उन्हें समुद्र को लाँघने के उपायों के बारे में बताया।

हनुमान जी ने अशोक वृक्ष के नीचे बैठी हुई सीताजी के पास जाकर उन्हें प्रणाम किया। उन्होंने कहा, “आर्ये! मैं आपको सकुशल देख रहा हूँ।” सीता जी ने उत्सुकता से हनुमान जी को सुनते हुए कहा, “वानरप्रवर! तुम्हारे निकट रहने से मुझे थोड़ी देर के लिए भी शांति मिलेगी।”

सीता जी ने अपने दुःख का जिक्र किया और कहा, “मैं मानसिक शोक से दिन-दिन दुर्बल हो रही हूँ। वीर! क्या तुम्हें पता है कि महाबली सुग्रीव और उनके साथियों को इस महासागर को पार करने का उपाय क्या हो सकता है?”

हनुमान जी ने सीताजी के इस संदेह का समाधान बताया। उन्होंने कहा, “वानर राज सुग्रीव और उनके साथियों की सेना है जो इस समुद्र को पार करने के लिए तैयार है। और श्रीराम और लक्ष्मण भी इस साथी सेना के साथ हैं। यहाँ कोई भी पराक्रम सिर्फ हमारा नहीं होगा, बल्कि सभी का होगा।”

यह थी हनुमान जी की अनमोल कहानी, जो सीता माता को समुद्र के पार ले जाने के लिए उन्हें प्रेरित किया। हम उन्हें सभी की प्रेरणा के रूप में याद करेंगे। 

“रावण का वध और हनुमान की शक्ति” का एक दृश्य सीता जी के सामने हनुमान ने प्रस्तुत किया। 

राक्षसराज रावण और उसके सैनिक श्रीराम के सामने हैं। लेकिन अब उनकी हालत पतली हो गई है। श्रीराम और उनके भक्त ही शीघ्र उन्हें परास्त करेंगे। तब तक आप धैर्य रखें। श्रीरामचन्द्रजी शीघ्र ही रावण को मारेंगे, और आप सब उसका साक्षी बनेंगे।

हे माते, तुम्हे ना डरने की आवश्यकता है। जब रावण मारे जाएंगे, तब तुम श्रीरामचन्द्रजी के साथ मिलोगी, जैसे चन्द्रमा रोहिणी से मिलता है।

अब बात का वक्त है, रावण की सेना को श्रीराम के सामने अपने बल का परिचय देने का।

हे सीता, अब वक्त है हमें लौटने का।

हनुमान का कथा अत्यधिक शक्ति की कहानी का परिचय है जो हमें अत्यधिक शक्ति और साहस के बारे में सिखाती है।

हनुमान जी लंका से वापस होने को तैयारी करने लगे। 

साल, ताल, कर्ण, और बहुसंख्यक बाँस के वृक्षों ने एक पर्वत को अपनी ओर से घेर लिया था। यहाँ फूलों का समृद्ध संग्रह था, और विभिन्न प्रकार की लताएं उसके अलंकार बन रही थीं।यहाँ पर विभिन्न प्रकार के जानवर थे, और उनकी उपस्थिति से पर्वत की शोभा और बढ़ गई थी।

इस रमणीय पर्वत पर, हनुमान जी ने श्रीरामचन्द्रजी के दर्शन की इच्छा को जल्दबाजी से पूरा किया। जब उनके पैर पर्वत की शिखरों से टकराए, तो उनकी भरी आवाज के साथ पत्थरों का बोझ टूटकर गिर गया।

उन्होंने अपने लक्ष्य के प्राप्ति के लिए उत्साह से उस भयानक महासागर की ओर देखा, जो उत्तरी तट से दक्षिणी तट की ओर फैला हुआ था।

आकाश में उड़ान भरते हुए हनुमान जी की अत्यधिक शक्ति ने उन्हें ऊपर की ओर ले जाया, जहाँ वे उच्चतम पर्वतों और गहरे सागरों के साथ रसातल में चले गए।

 यह थी हमारी कहानी “हनुमान की अत्यधिक शक्ति की कहानी”। धन्यवाद 

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समाधान, या solution, एक ऐसा शब्द है जो हमें मुश्किलों से उबरने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह दर्शाता है कि हर समस्या का एक जवाब होता है, चाहे वह कितनी भी जटिल या चुनौतीपूर्ण क्यों न हो।

आज, हम 5 ऐसी पंक्तियों पर विचार करेंगे जो हमें समाधानों की शक्ति को समझने में मदद करती हैं:

“हर समस्या में एक अवसर छुपा होता है।” – This line reminds us that challenges can also be opportunities for growth and learning. When we approach problems with a positive mindset, we open ourselves to new possibilities and solutions.

“हमें हार नहीं माननी चाहिए, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं।” – This line encourages us to persevere in the face of adversity. It reminds us that resilience and determination are key to overcoming obstacles and achieving our goals.

“समाधान अक्सर सरल होते हैं, लेकिन हमें उन्हें खोजने के लिए रचनात्मक सोच का उपयोग करना चाहिए।” – This line highlights the importance of creative thinking in problem-solving. When we step outside of our comfort zones and approach challenges from different angles, we are more likely to find innovative solutions.

“सहयोग और सकारात्मक दृष्टिकोण हमें बेहतर समाधान तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं।” – This line emphasizes the power of collaboration and a positive attitude. When we work together and approach challenges with optimism, we can create a supportive environment that fosters creativity and problem-solving.
“सफलता असफलता से सीखने और आगे बढ़ने में निहित है।” – This line reminds us that failures are not setbacks but opportunities for learning and growth. Each challenge we overcome makes us stronger and more resilient, bringing us closer to achieving our goals.

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