सचेतन 2.99 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – सुग्रीव का संदेश लेकर हनुमान जी लंका पहुँचे।

SACHETAN  > Sundarkand >  सचेतन 2.99 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – सुग्रीव का संदेश लेकर हनुमान जी लंका पहुँचे।

सचेतन 2.99 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – सुग्रीव का संदेश लेकर हनुमान जी लंका पहुँचे।

| | 0 Comments

“धर्म युद्ध की गाथा: हनुमानजी का पराक्रम”

नमस्कार श्रोताओं! स्वागत है आपका “धर्मयुद्ध की कहानियाँ” के एक और सचेतन के इस विचार के सत्र में।आज हम सुनेंगे उस अद्वितीय क्षण की कहानी जब महाबली हनुमान जी ने राक्षसराज रावण को श्रीराम के प्रभाव का वर्णन किया। तो चलिए, शुरू करते हैं।

हनुमान जी, जो वानरों के प्रमुख थे, सुग्रीव का संदेश लेकर लंका पहुँचे। राक्षसराज रावण के दरबार में उन्होंने शांतभाव से यह अर्थयुक्त बात कही: राक्षसराज! मैं सुग्रीव का संदेश लेकर यहाँ तुम्हारे पास आया हूँ। वानरराज सुग्रीव तुम्हारे भाई हैं। इसी नाते उन्होंने तुम्हारा कुशल-समाचार पूछा है। अब तुम अपने भाई महात्मा सुग्रीव का संदेश सुनो, जो धर्म और अर्थ से परिपूर्ण है और जो इहलोक और परलोक दोनों में लाभदायक है।

रावण कहते हैं कहो, हनुमान! सुग्रीव ने क्या संदेश भेजा है?

हनुमान जी ने कहा दशरथ नाम से प्रसिद्ध एक राजा हो गये, जो पिताकी भाँति प्रजा के हितैषी, इन्द्र के समान तेजस्वी और रथ, हाथी, घोड़े आदि से सम्पन्न थे। उनके परम प्रिय ज्येष्ठ पुत्र महातेजस्वी, प्रभावशाली महाबाहु श्रीरामचन्द्रजी पिता की आज्ञा से धर्ममार्ग का आश्रय लेकर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ दण्डकारण्य में आये थे।

हनुमान जी ने रावण को श्रीराम की शक्ति और उनके धैर्य की बातें बताईं। उन्होंने समझाया कि सीता, विदेहदेश के राजा महात्मा जनक की पुत्री हैं और श्रीराम उन्हें खोजते हुए ऋष्यमूक पर्वत पर आए थे, जहाँ सुग्रीव से मिले।

हनुमान जी: “सुग्रीव ने श्रीराम से सीता को ढूँढ़ निकालने की प्रतिज्ञा की और श्रीराम ने सुग्रीव को वानरों का राज्य दिलाने का वचन दिया। तत्पश्चात्, श्रीराम ने युद्ध में वाली को मारकर सुग्रीव को किष्किन्धा का राजा बना दिया। इस समय सुग्रीव वानरों और भालुओं के स्वामी हैं।”

हनुमान जी ने बताया कि किस प्रकार सुग्रीव ने वानरों को चारों दिशाओं में भेजा है ताकि वे सीता की खोज कर सकें।

हनुमान जी कहते हैं की मैं वायुदेवता का पुत्र हूँ। सीता का पता लगाने और तुमसे मिलने के लिये सौ योजनविस्तृत समुद्र को लाँघकर तीव्र गति से यहाँ आया हूँ। घूमते-घूमते तुम्हारे अन्तःपुर में मैंने जनकनन्दिनी सीता को देखा है।”

रावण ने कहा की तो, तुम सीता को देखने आए हो?

हनुमान जी ने कहा महामते! तुम धर्म और अर्थ के तत्त्व को जानते हो। दूसरे की स्त्री को अपने घर में रोक रखना तुम्हारे लिये कदापि उचित नहीं है। धर्मविरुद्ध कार्यों में बहुत-से अनर्थ भरे रहते हैं। वे कर्ता का जड़मूल से नाश कर डालते हैं।”

हनुमान जी की बातें रावण को सुनने में अच्छी नहीं लगीं। लेकिन हनुमान जी ने रावण को समझाने का प्रयास जारी रखा।

हनुमान जी ने कहा देवताओं और असुरों में भी कौन ऐसा वीर है, जो श्रीरामचन्द्रजी के क्रोध करने के पश्चात् लक्ष्मण के छोड़े हुए बाणों के सामने ठहर सके। तीनों लोकों में कोई भी ऐसा प्राणी नहीं है, जो भगवान् श्रीराम का अपराध करके सुखी रह सके।

अब हनुमान जी ने श्रीराम के पराक्रम का वर्णन किया और रावण को चेतावनी दी। 

हनुमान जी ने शांत भाव से रावण को समझाया कि धर्मविरुद्ध कार्य करने से अनर्थ होता है। राजन्! श्रीरामचन्द्रजी का क्रोध किसी के लिए भी सहन करना असंभव है। उन्होंने सुग्रीव के भाई वाली को एक ही बाण से मार गिराया। यदि तुमने सीता को वापस नहीं किया, तो श्रीराम तुम्हारे लिए भी विनाशकारी होंगे।

रावण ने कहा की हनुमान, तुम हमें धमकी दे रहे हो?”

हनुमान जी उत्तर देते हुए कहते हैं की मैं धमकी नहीं दे रहा, राक्षसराज। मैं तुम्हें सत्य बता रहा हूँ। धर्म के विपरीत कार्य करने से तुम अपने और अपने राज्य का नाश कर लोगे। श्रीरामचन्द्रजी के क्रोध से कोई नहीं बच सकता। हनुमान जी ने रावण को बताया कि किस प्रकार श्रीरामचन्द्रजी ने अपने प्रतिज्ञाओं को निभाया है और कैसे उन्होंने वानरों की सहायता से अपने उद्देश्यों को पूरा किया है।तुम्हें याद होगा कि वाली जैसे प्रबल योद्धा को श्रीराम ने अकेले ही पराजित कर दिया। उनकी शक्ति और उनके बाणों का सामना करना असंभव है।

रावण ने कहा हनुमान, तुम्हारे श्रीराम में ऐसी क्या विशेषता है जो उन्हें इतना शक्तिशाली बनाती है?

One thought on “सचेतन 2.99 : रामायण कथा: सुन्दरकाण्ड – सुग्रीव का संदेश लेकर हनुमान जी लंका पहुँचे।”

  1. I do not even know how I ended up here, but I thought this post was
    great. I don’t know who you are but certainly you are going to a famous blogger if you are
    not already 😉 Cheers!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *