सचेतन 3.27 : नाद योग: ॐ कार रूपी एकाक्षर
आध्यात्मिक सफर की शुरुआत
नमस्कार श्रोताओं, और स्वागत है इस हमारे विशेष नाद योग (योग विद्या) पर सचेतन के इस विचार के सत्र में। आज हम बात करेंगे उस एकाक्षर के बारे में, जो न केवल हमारे जीवन का आधार है, बल्कि पूरे ब्रह्मांड की ध्वनि का प्रतीक भी है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं ॐ के बारे में। इस सत्र में, हम जानेंगे कि ॐ का क्या महत्व है और कैसे यह हमारे जीवन में शांति और संतुलन ला सकता है।
ॐ की महिमा:
ॐ, जिसे ओंकार भी कहा जाता है, एक ऐसा अक्षर है जो तीन ध्वनियों से मिलकर बना है – ‘अ’, ‘उ’, और ‘म’। ये तीन ध्वनियाँ मिलकर एक ऐसी ध्वनि उत्पन्न करती हैं, जिसे ब्रह्मांड की मूल ध्वनि कहा जाता है। यह ध्वनि सृष्टि की शुरुआत, मध्य और अंत का प्रतीक है।
जब हम ॐ का उच्चारण करते हैं, तो ‘अ’ ध्वनि हमारे पेट से निकलती है, ‘उ’ ध्वनि छाती के बीच से, और ‘म’ ध्वनि हमारे मस्तिष्क में कंपन उत्पन्न करती है। यह तीनों ध्वनियाँ मिलकर हमारे पूरे शरीर को ऊर्जावान बनाती हैं और हमें शांति की अनुभूति कराती हैं।
ध्यान में ॐ का महत्व:
ध्यान के समय ॐ का उच्चारण करना हमें मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है। यह ध्वनि हमारी इन्द्रियों को नियंत्रित करती है और हमें ध्यान की गहराई में ले जाती है। जब हम नियमित रूप से ॐ का अभ्यास करते हैं, तो यह हमें आत्म-साक्षात्कार की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
ॐ का उच्चारण न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। हाल के शोध बताते हैं कि ॐ का उच्चारण करने से हमारी नाड़ी, रक्तचाप, और मस्तिष्क की तरंगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह तनाव को कम करता है और हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
तो दोस्तों, ॐ कार रूपी यह एकाक्षर न केवल एक ध्वनि है, बल्कि एक ऐसा माध्यम है, जो हमें आत्मा से परमात्मा तक की यात्रा में मदद करता है। यदि आप भी अपने जीवन में शांति, संतुलन और आत्मिक उन्नति चाहते हैं, तो रोज़ाना कुछ समय निकालकर ॐ का अभ्यास जरूर करें।
आज के इस छोटे से सफर में हमने जाना ॐ की महिमा और इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। अगले एपिसोड में फिर मिलेंगे एक और रोचक विषय के साथ। तब तक के लिए ध्यान में रहें, खुश रहें, और ॐ की शक्ति से अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं।
नमस्कार!